मालेगांव विस्फोट मामले के गवाह रहे सेना के एक पूर्व कैप्टन बुधवार को यहां की विशेष एनआईए अदालत में गवाही से पलट गए. वह इस मामले में गवाही से पलटने वाले अभियोजन पक्ष के 34वें गवाह हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर प्रमुख आरोपियों में शामिल हैं.
पूर्व सैन्य अधिकारी ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) के अधिकारियों ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए धमकाया था.
हालांकि, बुधवार को विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश ए.के. लाहोटी के समक्ष अपने बयान के दौरान गवाह ने कोई भी बयान देने से इनकार किया. इसके बाद अदालत ने उन्हें मुकरा हुआ गवाह घोषित कर दिया.
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक में धमाका होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे.
शुरुआत में मामले की जांच एटीएस ने की थी और बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी.
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