बंगाल भाजपा नेता दिलीप घोष ने पार्टी के एक नेता के तृणमूल कांग्रेस में लौटने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को एक बेहद विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'बंगाल की राजनीति में बम बनाना सामान्य बात है.' भाजपा उपाध्यक्ष और सांसद, अर्जुन सिंह, रविवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में वापस चले गए. उन्होंने साल 2019 में टीएमसी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी. उन्होंने इस दौरान यह घोषणा भी कर डाली कि वह ममता बनर्जी को प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
दिलीप घोष ने उन पर तंज कसते हुए कहा, 'जो लोग सिद्धांतों के आधार पर राजनीति नहीं करते हैं, उनके लिए भाजपा में टिकना मुश्किल होता है.'
पत्रकारों ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने ही पहले अर्जुन पर आरोप लगाया था कि वे बम बनाते हैं, अगर यह सच है तो उन्हें भाजपा में क्यों शामिल करवाया. खड़गपुर से भाजपा सांसद घोष ने कहा, 'हमने बहुत से लोगों को शामिल किया है. राजनीति में, बंगाल में बम बनाना एक सामान्य बात है.'
उन्होंने कहा, 'तृणमूल से जो आएगा, वह ऐसा ही होगा. इससे निपटने के लिए कानून है. वह जहां से आते हैं, या तो वह परेशानी पैदा करते हैं या दूसरे उन्हें निशाना बनाने के लिए परेशानी पैदा करते हैं. जब वह भाजपा में आए तो उनके खिलाफ अत्याचार वह बढ़ गया. यह हमने देखा है। मैंने संसद में भी उनकी शिकायतों को उठाया है। वह एडजस्ट नहीं कर सके, यह उनकी समस्या है.'
बंगाल ने वर्षों से हिंसक राजनीति देखी है, जिसमें राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए देशी बमों का इस्तेमाल किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी ने 2021 के बंगाल चुनाव में इसे चुनाव प्रचार का बड़ा मुद्दा बनाया था.
तृणमूल प्रमुख के लिए अर्जुन सिंह की तारीफ पर घोष ने कहा, 'यदि आप यह नहीं कहते हैं कि आप ममता बनर्जी को प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं तो आप तृणमूल कांग्रेस में नहीं रह सकते.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। जो सिद्धांतों के आधार पर राजनीति नहीं करते हैं, उनके लिए भाजपा में बने रहना मुश्किल होगा। जो सिद्धांत, नीति और ढांचे में विश्वास करते हैं, उनके लिए भाजपा सही पार्टी है। जो तृणमूल छोड़कर आए हैं, उनका भाजपा में रहना मुश्किल है। उन्हें एडजस्ट करना होगा। जो एडजस्ट कर सकते हैं वे पार्टी में हैं। जो नहीं कर सकते, वे जा रहे हैं.'
जब पत्रकारों ने अर्जुन सिंह पर दबाव डाला, उनसे पूछा कि क्या वह "अभी भी एक अपराधी (गुंडा) है", घोष ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि गुंडा की परिभाषा क्या है? कुछ लोगों के मुताबिक, मैं भी गुंडा हूं। यह ठीक है। यह राजनीति है.'