भारत ने शनिवार को कहा कि पूर्वी यूक्रेन के सुमी में फंसे करीब 700 भारतीय छात्रों को निकालने पर अब उसका मुख्य जोर है जहां पर गोलाबारी और हवाई हमले देखे गए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले कुछ घंटे में खारकीव और पिसोचिन से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मुख्य जोर अब सुमी से भारतीय छात्रों को निकालने पर है. हमलोग उनकी निकासी के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
बागची ने रूस और यूक्रेन से स्थानीय स्तर पर संघर्ष विराम के भारत के आह्वान को भी दोहराया ताकि युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को निकाला जा सके. बागची ने कहा, ‘‘सुमी से भारतीयों को निकालना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वहां गोलाबारी और हिंसा जारी है तथा परिवहन के साधनों की कमी है.'' उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि भारत छात्रों के निकासी के लिए अन्य कई विकल्पों पर विचार कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम संबंधित सभी पक्षों के संपर्क में हैं. हमारे लिए सबसे अच्छा विकल्प युद्धविराम होगा जिससे कि हम अपने छात्रों को बाहर निकाल सकते हैं और हम रूस तथा यूक्रेन दोनों पक्षों से इस तरह के स्थानीय स्तर पर युद्धविराम की अनुमति देने के लिए दृढ़ता से दबाव डाल रहे हैं.'' बागची ने कहा कि भारत के निकासी प्रयासों का पूरा ध्यान अब छात्रों को सुमी से सुरक्षित बाहर निकालने पर है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘पिसोचिन से सभी भारतीय नागरिकों से निकाल लिया गया है. मिशन उनकी यात्रा के दौरान उनके संपर्क में बना रहेगा. उनकी सुरक्षा हमेशा हमारी प्राथमिकता रही है. सुरक्षित रहें, मजबूत रहें.''
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि लगभग सभी भारतीय अब खारकीव शहर छोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही सकारात्मक प्रगति है. पिछले कुछ दिनों से यह काफी चिंता का विषय बना हुआ था.'' बागची ने कहा कि निकासी अभियान ‘ऑपरेशन गंगा' के तहत 63 उड़ानों ने 13,300 से अधिक भारतीयों को वापस लाया है.
इन 63 उड़ानों में से 15 उड़ानें पिछले 24 घंटों में लगभग 2,900 नागरिकों को वापस लेकर आईं. प्रवक्ता ने कहा कि भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में 13 उड़ानें संचालित होने वाली हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्थापित विदेश मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष को शनिवार दोपहर तक 12,214 कॉल और लगभग 9,000 ईमेल मिले हैं. बागची ने कहा, चूंकि भारत भारतीयों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों से उनकी निकासी प्रक्रिया को पूरा कर रहा है, लेकिन अब वह उन क्षेत्रों को देखेगा जहां कुछ भारतीय अब भी फंसे हुए हैं.