संसद में घूस लेकर सवाल पूछने के आरोपों में सांसदी जाने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को सरकारी बंगला खाली करना होगा. महुआ को बंगला खाली करने के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने मंगलवार (16 जनवरी) को नोटिस भेजा था. नोटिस के खिलाफ महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.
कैश फॉर क्वेरी केस में 8 दिसंबर 2023 को महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी. इसके बाद उन्हें दो बार बंगला खाली करने के लिए कहा जा चुका है. तीसरी बार उन्हें फौरन बंगला खाली करने का नोटिस मिला था.
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने मुहआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे. निशिकांत दुबे ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी. एथिक्स कमिटी ने इस मामले की जांच की थी और रिपोर्ट सौंपा था. कमिटी ने महुआ को दोषी मानते हुए उनकी सांसदी रद्द करने और मामले की कानूनी जांच की सिफारिश की. इसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था.
वोटिंग के समय विपक्ष का वॉकआउट
महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी. आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें निष्कासन का प्रस्ताव पास हो गया. वोटिंग के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया था.
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
सांसदी रद्द होने के फैसले को महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद महुआ को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला.
अब दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद जल्द ही डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स के अधिकारी महुआ मोइत्रा के बंगले पर जाएंगे. अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि बंगला जल्द से जल्द खाली हो जाए.
महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के लिए बेदखली नोटिस जारी
महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे पर किया मानहानि केस
निशिकांत दुबे के आरोपों के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का केस किया. महुआ ने आरोप लगाया था कि निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत दहाद्राई कैश फॉर क्वेरी केस के जरिए उनकी छवि खराब की. महुआ ने मीडिया चैनलों के खिलाफ भी आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में निशिकांत दुबे और देहाद्राई के खिलाफ केस पेंडिंग है.
महुआ मोइत्रा को फिलहाल SC से राहत नहीं, निष्कासन के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार