'असंसदीय शब्द' विवाद पर महुआ मोइत्रा का कटाक्ष, जारी किया अपनी ट्विटर सीरीज का पहला शब्द

संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि सांसद', 'शकुनी', 'जयचंद', 'लॉलीपॉप', 'चाण्डाल चौकड़ी', 'गुल खिलाए', 'पिठ्ठू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा.

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नई दिल्ली:

संसद (Parliament) के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान कई शब्दों के इस्तेमाल नहीं करने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. जहां बीजेपी और एनडीए इसे सही ठहरा रहे हैं, वहीं विपक्षी नेता अपने तर्क दे रहे हैं. तृणमुल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कटाक्ष किया है.

महुआ मोइत्रा ने ट्वीटर पर लिखा, "असंसदीय शब्दों के बदले जाने पर मेरी नई ट्विटर सीरीज का पहला शब्द
प्रतिबंधित शब्द- यौन उत्पीड़न
रिप्लेसमेंट- मिस्टर गोगोई"

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वहीं एक अन्य ट्वीट में टीएमसी सांसद ने लिखा, "आपके कहने का यह मतलब है कि अब मैं लोकसभा में यह भी नहीं बता सकती कि हिंदुस्तानियों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिन्हें अपनी हिपोक्रेसी पर शर्म आनी चाहिए?"

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वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "असंसदीय शब्‍दों का उपयोग चर्चाओं और बहसों में किया जाता है जो पीएम के सरकार को संभालने का सही ढंग से वर्णन करते हैं, अब इन्‍हें बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है."
कांग्रेस नेता ने एक असंसदीय वाक्‍य का उदाहरण देते हुए 'प्रतिबंधित' शब्‍दों का भी इस्‍तेमाल किया. उन्होंने ट्वीट में कहा, "जुमलाजीवी तानाशाह अपने झूठ और अक्षमता का पर्दाफाश होने पर मगरमच्‍छ के आंसू बहाए."

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गौरतलब है कि संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि सांसद', 'शकुनी', 'जयचंद', 'लॉलीपॉप', 'चाण्डाल चौकड़ी', 'गुल खिलाए', 'पिठ्ठू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.‘अध्यक्षीय पीठ पर आक्षेप' को लेकर भी कई वाक्यों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है. इसमें ‘आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है और यह चेयर अपने सदस्यों का संरक्षण नहीं कर पा रही है, आदि शामिल हैं. 

लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 के नाम से ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है. और इसे सारे सांसदों को भेजा गया है. विपक्षी सासंद इसकी आलोचना कर रहे हैं. नए नियमों के मुताबिक गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट जैसे कई शब्दों और मुहावरों पर रोक लगा दी गई है.टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा, आप मुझे निलंबित कर दीजिए. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है. सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है. अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम. मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा. मुझे निलंबित कर दीजिए. लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा."

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