ज़मानत मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को पुलिस के सामने हाजिर होने का निर्देश

नारायण राणे जो कि भाजपा के नेता हैं, जुलाई में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. वे पिछले 20 वर्षों में गिरफ्तार होने वाले पहले केंद्रीय मंत्री हैं. उनकी गिरफ्तारी सहयोगी दल से प्रतिद्वंद्वी बनी शिवसेना और भाजपा के बीच विवाद का नया कारण बन गई है.

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मुंबई:

केन्दीय मंत्री नारायण राणे को महाड की मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मुंबई पहुंच गए हैं. कल दोपहर में रायगढ़ से उन्हें गिरफ्तार किया गया था. नारायण राणे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी (सीएम उद्धव को थप्पड़ मारने) का आरोप है. इधर, नासिक पुलिस ने उन्हें नोटिस भेज कर 2 सितंबर को थाने में पेश होने को कहा है. जमानत के बाद अब उनके वकील बॉम्बे हाइकोर्ट में आज फिर से FIR खारिज करने की अर्ज़ी देकर सुनवाई की मांग करेंगे.  नारायण राणे पर पुणे, नासिक, ठाणे और महाड में कुल 4 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. हो सकता है सभी मामलों की जांच को एक साथ करने की मांग करें. बता दें कि मुंबई पहुंचने के बाद राणे के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.मंगलवार को राणे के घर के बाहर शिवसेना और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हुई थी.

नारायण राणे, जो कि भाजपा के नेता हैं, जुलाई में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. वे पिछले 20 वर्षों में गिरफ्तार होने वाले पहले केंद्रीय मंत्री हैं. उनकी गिरफ्तारी सहयोगी दल से प्रतिद्वंद्वी बनी शिवसेना और भाजपा के बीच विवाद का नया कारण बन गई है.

बंबई उच्च न्यायालय द्वारा कार्रवाई के खिलाफ संरक्षण के लिए नारायण राणे की याचिका पर तत्काल सुनवाई के उनके अनुरोध को खारिज करने के तुरंत बाद, उनको खाना खाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें रायगढ़ जिले की एक अदालत में पेश किया गयाा. उनकी पत्नी भी बहुत सारे लोगों से घिरी हुईं अदालत में आईं. राणे के वकील ने अदालत से कहा, "पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची है, वे उसका दरवाजे पर इंतजार कर रहे हैं." उच्च न्यायालय ने जवाब दिया: "कृपया प्रक्रिया का पालन करें. हमें रजिस्ट्री का काम न करने दें." शिवसेना ने सोमवार को भाजपा द्वारा राष्ट्रव्यापी आयोजित "जन आशीर्वाद यात्रा" में राणे की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन्होंने दावा किया था कि उद्धव ठाकरे अपने 15 अगस्त के भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्ष को भूल गए थे और उन्हें अपने सहयोगी से भाषण के बीच में जांच करनी पड़ी थी. राणे ने जनसभा में कहा था कि, "यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री स्वतंत्रता के वर्ष को नहीं जानते हैं. वह अपने भाषण के दौरान आजादी के वर्षों की गिनती के बारे में पूछने के लिए पीछे हट गए. अगर मैं वहां होता, तो मैं उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता."

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उनकी टिप्पणियों ने शिवसेना के विरोध को हवा दी और गैर-जमानती अपराधों को सूचीबद्ध करते हुए उनके खिलाफ तीन शहरों में प्राथमिकी दर्ज की गईं. केंद्रीय मंत्री को भारतीय दंड संहिता या आईपीसी की कई धाराओं के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें एक लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी देना, शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना, सार्वजनिक शरारत और आपराधिक धमकी का कारण बनने वाले किसी भी बयान को प्रकाशित या प्रसारित करना शामिल है. 

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