महाराष्ट्र राज्य परिवहन यानी स्टेट ट्रांसपोर्ट हड़ताल अभी भी खत्म नहीं हुई है. 14 दिनों से जारी इस हड़ताल से आम जन परेशान है. वहीं ST कर्मचारियों की मांग है कि उनके कॉर्पोरेशन को सरकार में समाहित किया जाए. 14 दिनों से राज्य की 14 हजार से भी ज्यादा ST बसें सड़क पर नही निकली हैं. ट्रांसपोर्ट के तकरीबन 1 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसके चलते आम जन को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है और बातचीत कर मसले का हल निकालने का प्रस्ताव दिया है.
हाई कोर्ट पहुंचा मामला
स्टेट ट्रांसपोर्ट में हड़ताल का यह मामला हाई कोर्ट में भी पहुंच गया है, जहां अदालत ने सरकार से रास्ता निकालने की बात कही है. इस पर सरकार ने कृति समिति बनाकर बातचीत शुरू की है, लेकिन कर्मचारी सरकार में विलीनीकरण से कम पर मानने को तैयार नहीं है. कमर्चारियों ने कृति समिति को मानने से भी इंकार कर दिया है और आंदोलन बीजेपी के नेताओं के हाथ में चला गया है.
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इस बीच कमर्चारियों का दावा है कि राज्य सरकार एक हजार के करीब कर्मचारियों को निलंबित कर चुकी है, लेकिन वो डरने वाले नहीं है. उनका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता उनका आन्दोलन जारी रहेगा.आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बीजेपी नेता गोपीचंद पडलकर और सदा भाऊ खोत का कहना है कि पिछली सरकार के समय जब आदित्य ठाकरे से एक बच्ची ने पूछा था कि ST का राज्यसरकार में विलीनीकरण क्यों नहीं कर रहे तब उन्होंने कहा था हमारी सरकार आने दो. अब तो पिता पुत्र की सरकार है फिर क्यों नहीं विलिनीकरण करते ?
मुख्यमंत्री ने की हड़ताल खत्म करने की अपील
दोनों नेताओं ने ठाकरे सरकार पर मराठी मानुस की घोर उपेक्षा का आरोप भी लगाया. इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ST कर्मचारियों से अपील की है कि वो हड़ताल खत्म करें बातचीत से रास्ता निकालने की कोशिश जारी है. विरोधी दलों से भी हड़ताल पर राजनीति कर आम जनता को परेशान ना करने को कहा है.