उद्धव ठाकरे के इस्तीफे से शिंदे सरकार पर SC के फैसले तक, जानें- महाराष्ट्र सियासी संकट की पूरी टाइमलाइन

Maharashtra political row: महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली महाविकास आघाड़ी सरकार चल रही थी. 21 जून 2022 को शिवसेना के ही एकनाथ शिंदे ने 15 विधायकों के साथ बगावत कर दी. जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था और उनकी सरकार गिर गई.

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उद्धव ठाकरे ने बीते साल 28 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की सत्ता को लेकर चल रहे विवाद (Maharashtra Political Row) को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निपटा दिया. प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुना दिया कि राज्य में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मुख्यमंत्री बने रहेंगे. शीर्ष अदालत ने साफ किया कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)ने अगर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले अपना इस्तीफा नहीं दिया होता, तो अदालत उनकी सरकार को बहाल कर सकती थी.

2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट में कब क्या हुआ? जानने के लिए पढ़िए ये टाइम लाइन:-

27 जून, 2022: शिवसेना के बागी विधायकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के समक्ष अयोग्यता की कार्यवाही को स्थगित रखा. अदालत ने इसके साथ ही बागी विधायकों द्वारा उनकी अयोग्यता की मांग करने वाले नोटिस की वैधता पर सवाल उठाने वाली दलीलों पर जवाब मांगा था.

29 जून, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को फ्लोर टेस्ट के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

11 जुलाई, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने नवनिर्वाचित महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर आगे कार्यवाही नहीं करने को कहा. 

26 जुलाई, 2022: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को वास्तविक शिवसेना के रूप में चुनाव आयोग ने मान्यता दी. उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले के खिालफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने नई याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी.

3 अगस्त, 2022: शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति वफादार पार्टी के विधायक किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ विलय करके ही संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से खुद को बचा सकते हैं.

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4 अगस्त, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से एकनाथ शिंदे गुट की असली शिवसेना के दावे वाली अर्जी पर जल्दबाजी में कोई एक्शन नहीं लेने का आदेश दिया. शिंदे गुट ने अपनी अर्जी में उसे असली शिवसेना माने जाने और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान अलॉट किए जाने की मांग की थी.

23 अगस्त, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दल-बदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक सवाल उठाने वाली याचिकाओं को पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा.

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6 सितंबर, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही को रोकने के बारे में एकनाथ शिंदे गुट के दावे पर ध्यान दिया. अदालत ने कहा कि वह एक संविधान पीठ के समक्ष याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा.

27 सितंबर, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें शिंदे गुट द्वारा असली शिवसेना होने के दावे को चुनौती दी गई थी.

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13 दिसंबर, 2022: ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से अयोग्यता याचिकाओं से निपटने के लिए महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को सात-न्यायाधीशों की पीठ को सौंपने की मांग की.

14 फरवरी, 2023: ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को सात-न्यायाधीशों की बेंच को 2016 के नबाम रेबिया के फैसले पर पुनर्विचार के लिए करने का आग्रह किया.

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15 फरवरी, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट से जुड़े मुद्दे शिवसेना में आपसी मतभेदों से उत्पन्न हुए हैं. ये कठिन संवैधानिक प्रश्न हैं, जिन्हें अदालत को सुलझाना है. क्योंकि मौजूदा राजनीति पर इसका बहुत गंभीर प्रभाव है.

17 फरवरी, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के नबाम रेबिया के फैसले पर पुनर्विचार के लिए महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं को सात-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया.

20 फरवरी, 2023: उद्धव ठाकरे खेमे ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने और उसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिन्ह आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

21 फरवरी, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे गुट की इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया. याचिका में चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने और पार्टी का चुनाव चिह्न अलॉट किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी.

21 फरवरी, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट दोनों की ओर से दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू की.

16 मार्च, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे गुटों की क्रॉस-याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रखा.

11 मई, 2023: सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. वहीं, अदालत ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को बहाल करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.

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