- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुणे के विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी.
- जयशंकर ने कहा कि देश की पहचान नेताओं और उनके विजन से होती है, वह पीएम मोदी के लिए सेवा कर रहे हैं.
- उन्होंने कहा कि देश के लिए एक जयशंकर ही काफी हैं, यह सवाल गलत है, सवाल यह होना चाहिए कि मोदी एक ही हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को पुणे की सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड विश्वविद्यालय) के 22वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या देश के लिए एक जयशंकर ही काफी हैं, तो उन्होंने इस सवाल को ही गलत बता दिया. उन्होंने कहा कि उनको यह पूछना चाहिए था कि मोदी तो एक ही हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए था.
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देशों की पहचान नेताओं और विजन से होती है
एस जयशंकर ने वीर हनुमान से एक डिप्लोमेट की तुलना करते हुए कहा कि अंततः, हनुमानजी ही सेवा करते हैं. इसी तरह पीएम मोदी के लिए वह भी हमुमान जी की तरह ही सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देशों की पहचान नेताओं और विजन से होती है. कुछ लोग उसे एग्जीक्यूट करते हैं. लेकिन अंततः, यह विजन, नेतृत्व और आत्मविश्वास ही है जो आज के समय में फर्क पैदा करता है.
कोई भी देश अपनी मर्जी नहीं थोप सकता
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत को ज्यादा पॉजिटिव नजरिए से देखती है. हमारे देश की इमेज में यह बदलाव एक ऐसी सच्चाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि दुनिया में सत्ता और प्रभाव के कई नए केंद्र सामने आए हैं. कोई भी देश कितना भी पावरफुल क्यों न हो, सभी मुद्दों पर अपनी मर्जी नहीं थोप सकता.
जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया हमें किस तरह से देखती है? इसका संक्षिप्त उत्तर यह है- पहले की तुलना में कहीं अधिक सकारात्मक और कहीं अधिक गंभीरता से. इसका कारण हमारा राष्ट्रीय ब्रांड और हमारी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा दोनों हैं, जिनमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है.














