महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन (महा विकास आघाडी) के बीच क्या सबकुछ ठीक नहीं है? यह सवाल इसलिए क्योंकि पहले जहाँ कांग्रेस के नेताओं ने अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की तो वहीं अब शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ाने की बात की है.
शिवसेना विधायक और पार्टी के प्रवक्ता प्रताप सरनाईक ने प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर फिर से एक बार बीजेपी के साथ आने की बात कही है. पत्र में प्रताप सरनाइक ने लिखा है कि कांग्रेस जहाँ अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही है तो वहीं एनसीपी शिवसेना को कमज़ोर कर रही है. बीजेपी के साथ सत्ता में नहीं होने के कारण प्रताप सरनाईक सहित कई दूसरे नेताओं पर केंद्रीय जाँच एजेंसियों की ओर से कार्रवाई भी की जा रही है और प्रताप सरनाईक का कहना है कि बीजेपी के साथ आ जाने से यह खत्म हो जाएगा.
शिवसेना विधायक जहाँ बीजेपी के साथ जाने की बात कर रहे हैं तो वहीं महाराष्ट्र के गठबंधन में शामिल कांग्रेस की ओर से बार-बार यह बात दोहराई जा रही है कि वो आने वाले सभी चुनाव अपने बलबूते पर लड़ेगी. एनडीटीवी से बात करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष, नाना पटोले ने कहा, "हमने पहले ही कह दिया है कि विधानसभा और लोकल चुनाव कांग्रेस अपने बलबूते पर लड़ेगी."
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गौरतलब है कि शनिवार को शिवसेना के स्थापना दिवस पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जो काम किये बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा, उसे लोग चप्पलों से मारेंगे. ठाकरे ने कहा, "खुद के दम पर चुनाव लड़ने की बात करोगे तो लोग चप्पल से मारेंगे.. लोग कहेंगे तुम सत्ता में आने के लिए यह कर रहे हो, मेरी रोटी का क्या?"
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महा विकास आघाडी के नेताओं के बीच हो रही यह बयानबाज़ी हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद हो रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर अचानक से ऐसा क्या हो गया कि अब सत्ता में मौजूद सहयोगी पार्टियाँ एक दूसरे पर हमला करती नज़र आ रही हैं?