देश में अब कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस की भी पुष्टि हो गई है. महाराष्ट्र में भी ओमिक्रॉन के केस मिले हैं. जहां एक तरफ यह कहा जा रहा है कि जिन भी लोगों को वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगी हुई हैं, उन पर ओमिक्रॉन का असर काफी कम होने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन के आंकड़े चिंता बढ़ाते हैं. मौजूदा आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 45 से अधिक उम्र के 44% लोगों ने अब तक दूसरी डोज नहीं ली है. इस साल अप्रैल माह से ही देश में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की जा चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र में अब भी 45 से अधिक आयु वालों में 15% ने वैक्सनी की एक भी डोज नहीं ली है.
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ओमिक्रॉन के खतरे के बीच महाराष्ट्र के टीकाकरण केंद्रों पर कई बुज़ुर्ग कोविड वैक्सीन की पहली या फिर छूट गई दूसरी डोज अब लेने पहुंच रहे हैं. बीते 6 दिनों में 45 साल से ऊपर के 5,55,424 लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ली है, तो 8,70,116 ने दूसरी डोज. महाराष्ट्र में वैक्सीन के लिए योग्य 9.14 करोड़ लोग हैं इनमें से 3.51 करोड़ लोग 45 साल से ऊपर उम्र के हैं. 45 साल से ऊपर उम्र के 52,72,880 लोगों ने अब तक टीका नहीं लगवाया है यानी क़रीब 15% ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है, वहीं 44% की दूसरी ख़ुराक बाक़ी है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले कम से कम 1.55 करोड़ लोगों ने महाराष्ट्र में पहली खुराक नहीं ली है. ऐसे में कोरोना से बचाव एक बड़ी चिंता हो सकती है.
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उधर कल्याण डोंबिवली नगरपालिका के प्रमुख विजय सूर्यवंशी ने सोमवार को बताया कि हाल ही विदेश से महाराष्ट्र में 295 लोग लौटे थे, लेकिन इन में से 109 लोगों का पता नहीं लग पा रहा है. इनके फोन बंद आ रहे हैं, जबकि कई लोगों के दिए गए पते पर ताले लगे हुए मिले हैं. अब चिंता यह बनी हुई है कि अगर इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव हुआ या किसी को ओमिक्रॉन हुआ तो यह कितने लोगों तक फैल सकता है और इन्हें ट्रेस कर पाना और भी कठिन हो जाएगा.
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