महाराष्ट्रः अजित पवार के विभाग के लिए अलग से नहीं बनेगी मीडिया एजेंसी, विपक्ष की निंदा के बाद फैसला रद्द

महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने अपने विभाग के लिए अलग से मीडिया एजेंसी के नियुक्ति के आदेश को रद्द कर दिया है. अब उनके विभाग के कार्यों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सूचना और जनसंपर्क विभाग की ही होगी.

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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के विभाग के लिए अलग से नहीं बनेगी मीडिया एजेंसी।
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने अपने विभाग के लिए अलग से मीडिया एजेंसी के नियुक्ति के आदेश को रद्द कर दिया है. अब उनके विभाग के कार्यों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सूचना और जनसंपर्क विभाग की ही होगी. अलग से किसी एजेंसी को अजित पवार के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री के कामों के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार ने 6 करोड़ के करीब राशि को मंजूरी भी दे दी थी. लेकिन विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर महाराष्ट्र सरकार का विरोध शुरू कर दिया था. विपक्ष की निंदा के चलते अजित पवार ने अपने ही फैसले को रद्द कर दिया है. इस फैसले के रद्द होने के बाद भाजपा (BJP) प्रवक्ता राम कदम (Ram Kadam) ने कहा, '' 6 करोड़ का सोशल मीडिया पर खर्च करने  का आदेश खारिज करने वाली सरकार इस बात का जवाब दे कि क्या यह पैसा वाह-वाह करने वाले सेलेब्रिटीज को जानेवाला था ?  या किसे ?''

महाराष्‍ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा उप मुख्यमंत्री अजित पवार के विभाग के कामों के प्रचार-प्रसार के लिए करीब 6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसके लिए बाहरी कंपनी को ठेका देने का फैसला भी किया गया था. तब विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के इस काल में जहां एक तरफ इलाज और वैक्‍सीन के लिए महाराष्‍ट्र सरकार पैसों का रोना रो रही है, वहीं दूसरी तरफ एक मंत्री के प्रचार-प्रसार के लिए 6 करोड़ खर्च कर रही है?

बीजेपी प्रवक्‍ता राम कदम ने कहा था, 'उप मुख्‍यमंत्री के सोशल मीडिया के लिए महाराष्‍ट्र सरकार 6 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. क्या प्राथमिकता है, सरकार के पास वैक्‍सीनेशन के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन खुद की वाह-वाह के लिए हैं. गौरतलब है कि महाराष्‍ट्र में इस समय शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्‍व में महाविकास आघाड़ी सरकार सत्‍ता में है, इस सरकार में शिवसेना के अलावा राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी सहयोगी के रोल में हैं. उद्धव के नेतृत्‍व में यह सरकार नवंबर, 2019 से महाराष्ट्र की सत्‍ता पर है.

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