राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट पार्टी के विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं, और गुटों के बीच आई अंदरूनी दरार बुधवार को बुलाई गई दो बैठकों में उभरकर सामने आएगी. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार का गुट 83-वर्षीय दिग्गज नेता तजुर्बे और लोकप्रियता पर भरोसा कर रहा है, वहीं अजित पवार का खेमा विधायकों से 'व्यावहारिक निर्णय' लेने के लिए कह रहा है.
बताया गया है कि अजित पवार गुट के नेताओं ने बुधवार की बैठक से पहले विधायकों को फ़ोन किया, और उनसे यह दावा करते हुए अपने साथ जुड़ने के लिए कहा कि इस कदम से उन्हें 2024 के आम चुनाव में मदद मिलेगी.
सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार खेमे ने NCP नेताओं से कहा है, "हमारे साथ जुड़ने से आपको 2024 के चुनाव में मदद मिलेगी... यदि आपके निर्वाचन क्षेत्र में कोई परियोजनाएं अधूरी हैं, यदि धन पारित नहीं हुआ है, तो हम परियोजनाओं के लिए धन प्राप्त करने में आपकी मदद करेंगे..."
पार्टी विधायकों से व्यावहारिक निर्णय लेने का आग्रह भी किया जा रहा है. सभी पार्टी विधायक शरद पवार का सम्मान करते हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि अब समय बदल गया है, और उन्हें 'बहाव के साथ' जाना चाहिए.
जैसे-जैसे विधायक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं, अजित पवार समर्थक उनसे एक शपथपत्र पर दस्तख़त करवा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, यही दस्तख़त चुनाव आयोग को भेजे जाएंगे और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा पेश किया जाएगा.
दूसरी ओर, शरद पवार खेमे ने भी सभी पार्टी नेताओं को व्हिप जारी कर बुधवार को ही मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में आयोजित हो रही बैठक में शामिल होने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि हाल ही में अजित पवार महाराष्ट्र की BJP-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे, और उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं.
शरद पवार की NCP ने स्पीकर नरवेकर के समक्ष याचिका दायर की है, जिसमें पिछले सप्ताह दलबदल करने वाले अजित पवार और आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है. पार्टी ने चुनाव आयोग (EC) को भी पत्र लिखकर बताया है कि 1999 में NCP की स्थापना करने वाले शरद पवार पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे और नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा.