स्पीकर चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे के लिए कितना आसान हो गया फ्लोर टेस्ट? आंकड़ों में समझें

रविवार को हुए स्पीकर चुनाव में शिंदे गुट के भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले, जबकि, उद्धव गुट के उम्मीदवार राजन सालवी के समर्थन में 107 वोट पड़े.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने पहली बड़ी जीत अपने नाम कर ली. रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिन के लिए विशेष सत्र बुलाया गया. पहले दिन विधानसभा स्पीकर का चुनाव कराया गया, जिसमें शिंदे गुटे के  भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल कर ली. सोमवार को एकनाथ शिंदे को फ्लोर टेस्ट में अपनी 'ताकत' साबित करनी है. लेकिन विधानसभा स्पीकर के चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे के लिए फ्लोर टेस्ट की राह आसान लग रही है. 

रविवार को हुए स्पीकर चुनाव में शिंदे गुट के भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले, जबकि, उद्धव गुट के उम्मीदवार राजन सालवी के समर्थन में 107 वोट पड़े. वहीं, समाजवादी पार्टी के दोनों विधायकों और AIMIM के विधायक ने किसी भी पक्ष में मतदान नहीं किया.

इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा के आंकड़ें काफी दिलचस्प हो गए. अगर शिवसेना के सभी 39 बागी सदस्यों की सदस्यता समाप्त भी हो जाती है, तब भी विपक्ष के पास संख्या नहीं है. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है, जिसमें से एक विधायक का निधन हो चुका है. 39 बागी सदस्यों को निकालने के बाद कुल सदस्यों की संख्या 248 हो जाती है, जिसके बाद जादुई आंकड़ा 125 रह जाता है. 

स्पीकर के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले हैं. अगर इनमें से 39 सदस्यों के वोट घटा दिए जाएं तो भी आंकड़ा 125 आता है. एक गौर करने वाली बात यह भी है कि वोटिंग में हिस्से ना लेनी वाली पार्टियां सपा, एआईएमआईएम और सीपीएम के विधायक, और जेल में बंद एनसीपी विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक भी उद्धव गुट के पक्ष में वोट डालते हैं तो भी उनकी संख्या 125 तक नहीं पहुंच पाती.

बता दें, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में तीन दर्जन से ज्यादा शिवसेना विधायकों ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. पहले बागी विधायक मुंबई से सूरत पहुंचे, उसके बाद इन्हें सूरत से गुवाहाटी के एक होटल में ठहराया गया. इसके बाद वे गुवाहाटी से गोवा पहुंचे थे. इसी बीच राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था. जिसको उद्धव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके अगले दिन एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. उसी दिन एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया.

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