महाराष्ट्र (Maharashtra) के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने पूर्व मुख्यमंत्री और विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) के एक खत को आधार बनाकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackrey) को पत्र लिखा है और पूछा है कि फडणवीस की 23 जून की चिट्ठी में उठाए गए तीन मुद्दों पर क्या हुआ, उसकी रिपोर्ट राजभवन को दें.
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपने पत्र में 3 मांगे रखी थीं. पहला कि विधानमंडल का अधिवेशन ज्यादा दिन चले. दूसरा कि विधानसभा के अध्यक्ष पद को जल्द भरने की कार्यवाही की जाए और तीसरा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा जब तक लटका हुआ है, तब तक स्थानीय स्वराज चुनाव ना कराए जाएं.
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तीनों मुद्दों को अहम बताते हुए उस पर उचित कदम उठाने और उन्हें सूचित करने के लिए लिखा है. राज्यपाल के इस पत्र पर महाविकास अघाड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि राजभवन राजनीतिक अड्डा बन चुका है.
मुंबई: सब्जी वाले की दुकान पर चला मनपा का हथौड़ा, VIDEO वायरल होने के बाद उठी कार्रवाई की मांग
नवाब मलिक ने कहा कि राज्यपाल हमें गाइड करने की बजाय 12 विधानपरिषद सदस्यों की दी गई सूची पर जल्द फ़ैसला ले लेंगे तो जनता का काम होगा. रही बात विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तो सभी विधायकों की कोविड रिपोर्ट आने के बाद कार्यक्रम तय होगा. विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में है. कांग्रेस इस पर फैसला करेगी कि उनका उम्मीदवार कौन होगा.
मलिक ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि बीजेपी भी अपना उमीदवार खड़ा करे. हम बहुमत में हैं,हम जीतेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ भ्रम खड़ा करने का काम करती है. बता दें कि विधान सभा अध्यक्ष नाना पटोले ने फरवरी में महाराष्ट्र कांग्रेस का मुखिया बनाए जाने के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी तभी से विधान सभा अध्यक्ष के चुनाव को मुद्दा बना रही है.