भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा घटाने जैसे मुद्दों के बजाय भंडारा अस्पताल की आग जैसी घटनाओं को रोकने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इस घटना में 10 शिशुओं की मौत हो गई थी. फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनके सुरक्षा घेरे में कटौती के निर्णय का उन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और वह बिना किसी सुरक्षा घेरे के भी नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जैसे जिलों का दौरा करेंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस और उनके परिवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की सुरक्षा घटा दी है, वहीं भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल की सुरक्षा वापस ले ली है. आठ जनवरी को जारी सरकारी अधिसूचना के अनुसार फडणवीस को अब ‘जेड-प्लस' श्रेणी के बजाए ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस श्रेणी' की सुरक्षा मिलेगी. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फडणवीस और बेटी दिविजा की सुरक्षा ‘एस्कॉर्ट के साथ वाई-प्लस' श्रेणी से घटा कर ‘एक्स' श्रेणी कर दी गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''सुरक्षा घेरा हटाने अथवा बरकरार रखने जैसे फैसलों का हमारे ऊपर कोई प्रभाव नहीं होगा. हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं. हम ऐसे लोग हैं जोकि बिना सुरक्षा के ही भ्रमण करते हैं. वर्तमान का सुरक्षा घेरा काफी है और अगर इसे भी वापस ले लिया जाए तो भी मुझे कोई परेशानी नहीं है.''
एक अन्य सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि भंडारा के अस्पताल में लगी आग को लेकर लोग गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थन करे तो यह गलत होगा. भाजपा शासित मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हिंदू महासभा द्वारा गोडसे पर एक अध्ययन केंद्र खोले जाने को लेकर उन्होंने यह टिप्पणी की.
फडणवीस ने कहा, ''इस देश में कोई भी व्यक्ति नाथूराम गोडसे का समर्थन नहीं कर सकता. राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले का देश में अभिवादन स्वीकार नहीं किया जा सकता. अगर कोई ऐसा प्रयास करता है तो यह गलत है.'' एक प्रश्न के उत्तर में फडणवीस ने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र में औरंगाबाद नगर का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का समर्थन करेगी.