मुस्लिम समुदाय के आर्थिक विकास की कोशिश कर रही महाराष्ट्र सरकार, उठाया यह कदम

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मुस्लिम समुदाय के अध्ययन का जिम्मा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को दिया

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महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिमों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान को अध्ययन करने का काम सौंपा है.
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महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय की आर्थिक प्रगति की कोशिश
समुदाय को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए अध्ययन
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाने को कहा
मुंबई:

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) राज्य में मुस्लिम समुदाय (Muslim community) की आर्थिक प्रगति और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के प्रयास कर रही है. महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिमों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) को मुसलमान समुदाय की स्थिति का अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा है. राज्य सरकार ने कहा है कि इस अध्ययन परियोजना के लिए कुल 33.92 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं.

सरकार के बयान में कहा गया है कि, "महाराष्ट्र राज्य में मुस्लिम समुदाय को आर्थिक विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए मुस्लिम समुदाय की शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति का अध्ययन करके और भौगोलिक क्षेत्रों की बाधाओं को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाएं.“ 

इसके अलावा, TISS और सरकार ने इस परियोजना पर काम करने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया है.टाटा सोशल रिसर्च काउंसिल, मुंबई ने महाराष्ट्र के छह क्षेत्रीय राजस्व आयुक्तों के क्षेत्रों में 56 श्रमिकों की गणना की है.

शहरों में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करने के लिए इंटरव्यू और सामुदायिक सर्वेक्षणों के जरिए अध्ययन करके इसे पेश किया जाना है. उक्त अध्ययन समूह को वित्तीय स्वीकृति सहित कुल 33,92,040 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है.

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