- सरकार ने गुटखा और प्रतिबंधित तंबाकू उत्पादों के अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है
- खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरी झिरवाल ने मकोका के तहत गुटखा कारोबारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है
- प्रतिबंधित गुटखा बाहर से तस्करी कर लाया जा रहा है जिससे युवाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है
महाराष्ट्र में गुटखा और अन्य प्रतिबंधित तंबाकू उत्पादों के अवैध कारोबार पर सरकार अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) मंत्री नरहरी झिरवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गुटखा कंपनियों के मालिकों और इस संगठित अवैध व्यापार के सूत्रधारों पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत कार्रवाई पर गंभीरता से विचार किया जाए.
राज्य में गुटखा और तंबाकू उत्पादों के निर्माण और बिक्री पर पहले से ही प्रतिबंध है. इसके बावजूद, बड़ी मात्रा में गुटखा महाराष्ट्र में बाहर से तस्करी कर लाया जा रहा है. यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि युवाओं और छात्रों की सेहत के लिए गंभीर खतरा भी है. सरकार का मानना है कि इस अवैध कारोबार के पीछे संगठित गिरोह काम कर रहे हैं, जो लगातार राज्य में प्रतिबंधित उत्पादों की सप्लाई कर रहे हैं.
FDA मंत्री झिरवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स को निशाना बनाया जाए. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गुटखा कंपनियों के मालिकों और प्रमुख ऑपरेटरों पर मकोका के तहत कार्रवाई करने के विकल्प पर विचार करें. मकोका कानून आमतौर पर संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अगर यह कदम उठाया जाता है, तो गुटखा तस्करी में शामिल बड़े खिलाड़ियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी.
राज्य सरकार का यह रुख ऐसे समय में आया है जब गुटखा और तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन उत्पादों का सेवन कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है. सरकार का उद्देश्य न केवल कानून का पालन कराना है, बल्कि युवाओं को इस जानलेवा आदत से बचाना भी है.
महाराष्ट्र में गुटखा पर पहले से ही सख्त प्रतिबंध है.














