महाराष्ट्र: उचित दाम नहीं मिलने पर सड़कों पर टमाटर फेंक कर रहे किसान

अपनी मेहनत से उपजाया टमाटर किसान सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं. फ़सल बंपर हुई है तो दाम गिर गए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:

महाराष्ट्र में इस साल टमाटर की बंपर फसल किसानों की मुसीबत बन गई है. बाज़ार में इसके उचित दाम नहीं मिल रहे हैं, लागत भी नहीं निकल पाने से नाराज़ किसान सड़कों पर टमाटर फेंक रहे हैं. अपनी मेहनत से उपजाया टमाटर किसान सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं. फ़सल बंपर हुई है तो दाम गिर गए हैं. मंडी में 2 से 4 रुपये किलो टमाटर का भाव लग रहा है. नासिक के पिम्पलगांव में रहने वाले धनंजय रहाणे ने अपने 2 एकड़ खेत में टमाटर लगाए. कुल 5 लाख रुपये खर्च किए. टमाटर की मौजूदा 4 रुपये प्रति किलो की कीमत के चलते उन्हें  केवल ढाई से तीन लाख रुपये मिल रहे हैं..

भारत सभी कृषि जिंसों के उत्पादन में पहले स्थान पर हो सकता है: नरेंद्र सिंह तोमर

पीड़ित किसान धनंजय रहाणे मे कहा कि मैं यह बताना चाहूंगा की इस साल टमाटर में बहुत नुकसान हो रहा है. खर्चे ज़्यादा बढ़ गए हैं. दवाई का खर्च बढ़ चुका है और जिस हिसाब से खर्च बढ़ा है, उस हिसाब से इसके दाम नहीं मिल रहे हैं. टमाटर के भाव किस क़दर गिरे हैं, इसका अंदाज़ा इस बात से लगता है कि बीते साल राज्य में 2037 रुपये किलो बिक रहा टमाटर इस साल 750 रुपये किलो बिक रहा है. 25 किलो की क्रेट के दाम 70 से 100 रुपये मिल रहे हैं जबकि इनकी लागत ही 300 रुपये है. जबकि जो टमाट उन्हें 3 रुपये में बेचना पड़ रहा है, वह बाज़ार में 25 रुपये किलो बिक रहा है.

किसान किरण शंखपाल का कहना है कि केवल तमाटर निकालने के लिए 50 रुपये प्रति 20 किलो खर्च है और यह प्रति क्रेट ही 50 रुपये दे रहे हैं, ऐसे में किसान आत्महत्या कर सकता है. महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को कुछ सोचना चाहिए. किसान अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

किसान नेता अजित नवले के मुताबिक, "आज महाराष्ट्र की सरकार और विपक्ष किसानों पर ध्यान देने के बजाय एक दूसरे पर कीचड़ फेंकने में व्यस्त हैं.. हम चेतावनी देते हैं कि अगर वो यह सब बंद कर किसानों की परेशानियों पर काम नहीं करते हैं, तो उन दोनों के खिलाफ किसान आंदोलन करेगा"  इस बीच सरकार का कहना है कि किसानों को जल्द ही राहत देने की कोशिश की जाएगी.

Advertisement

केंद्र सरकार ने गन्‍ने की FRP में वृद्धि की लेकिन यूपी के किसान इससे खुश नहीं...

कृषि मंत्री दादा भुसे का कहना है कि किसानों को जो परेशानी हो रही है, उसपर अगले एक हफ्ते में कुछ राहत देने की कोशिश हमारी ओर से की जा रही है. किसानों को भी अपने पैदावार को इस तरह से बर्बाद करना नहीं पसंद है.. लेकिन जब राज्य सरकार किसानों से ज़्यादा अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों के बारे में सोच काम करेगी, तो किसानों को अपनी नाराजगी ज़ाहिर करने के लिए यह सब करना पड़ता है.

Advertisement

महाराष्ट्र: टमाटर की कीमतों से परेशान किसान, सड़क पर फेंके कई टन टमाटर

Featured Video Of The Day
CT 2025: New Zealand से हार के बाद Wasim Akram ने लगाई South Africa के गेंदबाजों की क्लास
Topics mentioned in this article