महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के समाप्त होते-होते क्या है सीएम पद पर दावेदारी की हकीकत

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में महायुति की सरकार बनने की सूरत में मुख्यमंत्री के पद पर बयान देते हुए कहा था कि यह चुनाव बाद तय होगा. उन्होंने कहा था कि गठबंधन के तीनों साझेदार मिलकर सीएम पद पर फैसला लेंगे. 

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महाराष्ट्र में कौन बनेगा सीएम.
नई दिल्ली:

Maharashtra election results : महाराष्ट्र में अगली सरकार किसकी बनेगी इसके लिए राज्य की जनता 20 तारीख (Voting in Maharashtra) को वोट करेगी. वोट के बाद चुनाव परिणाम 23 तारीख (Election results in Maharashtra) को आ जाएंगे. परिणाम बताएंगे किसकी सरकार बनेगी. किस दल को बहुमत मिलेगा और कौन बनेगा मुख्यमंत्री.(Who will be Chief Minister of Maharashtra ) चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है. ऐसे में सभी दल और नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. लेकिन यह पहला चुनाव होगा जहां पर मुख्यमंत्री पद को लेकर ज्यादा लड़ाई नहीं दिख रही है. राज्य  में चुनाव में मुख्य रूप से दो ही गठबंधन लड़ाई में हैं. एक बीजेपी नीत महायुति (Mahayuti)और दूसरा कांग्रेस के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi). अभी तक की चुनावी प्रक्रिया में यह बात साफ हो गई है कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री यह साफ नहीं हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी नेता मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी नहीं कर रहा है. 

महायुति से एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फड़णवीस या फिर अजित पवार

दोनों गठबंधनों में से किसी के भी नाम पर साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि चुनाव परिणाम में जीत के बाद भी कौन मुख्यमंत्री बनेगा. अभी तक कहा जा रहा था कि महायुति को बहुमत मिलने पर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस में दावेदारी होगी. यहां तक कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंद शायद न मानें. वहीं, अजित पवार भी कई बार कह चुके हैं कि वे भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उनकी यह महत्वकांक्षा हमेशा से गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाती रही है. राजनीति दावपेंच में कब अजित पवार पलटी मार लें यह भी कह पाना मुश्किल हो जाता है. शिवसेना और बीजेपी के पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में अजित पवार खेल कर सकते हैं. वैसे भी इस बार के चुनाव प्रचार में उनके तेवर बीजेपी को पंसद नहीं आ रहे होंगे. देश में जहां बीजेपी को छोड़ दिया जाए विपक्षी दलों के नेता भी पीएम मोदी पर सीधा हमला करने से बचते हैं, ऐसे में अजित पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के अपनी सीटों पर प्रचार के लिए न आने की बात कह सबको चौंका दिया है. पीएम मोदी के साथ उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह  और यूपी के सीएम और फायब्रैंड नेता योगी आदित्यनाथ के भी प्रचार के लिए आने पर अपनी बात कहकर  सभी को आश्चर्य में डाल दिया है. 

एकनाथ शिंदे ने सीएम पद को लेकर दिया ये बयान

अब सीएम पद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ताजा बयान सामने आया है. एक चैनल से बातचीत में उन्होंने साफ कह दिया है कि वे सीएम पद की रेस में नहीं है. यानि वे खुद सीएम बनने की इच्छा नहीं रखते हैं. साथ इसका यह भी मतलब निकाला जा सकता है कि महायुति की सरकार बनने की सूरत में  वे सीएम पद पर दावा नहीं करेंगे. 

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इसके साथ ही एकनाथ शिंदे ने यह भी दावा किया है कि इस चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत होगी. गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे महायुति की वर्तमान सरकार के सीएम हैं और देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार उनकी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद पर हैं. साथ ही गौर करने की बात यह है कि देवेंद्र फड़णवीस इससे पहले सीएम पद पर रह चुके हैं. 

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शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना यूबीटी प्रमुख पर कई हमले किए. उन्होंने कहा कि ठाकरे ने  बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपा था. 

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सीएम पद पर क्या कहा है अमित शाह ने

गौरतलब है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में महायुति की सरकार बनने की सूरत में मुख्यमंत्री के पद पर बयान देते हुए कहा था कि यह चुनाव बाद तय होगा. उन्होंने कहा था कि गठबंधन के तीनों साझेदार मिलकर सीएम पद पर फैसला लेंगे. 

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सीएम पद पर देवेंद्र फड़णवीस का बयान

इससे पहले पूर्व सीएम और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वे सीएम पद की रेस में नहीं है. 

एमवीए का सीएम पद को लेकर क्या है स्टैंड

अब बात एमवीए की कर लेते हैं. एमवीए में शुरू से ही सीएम पद के ऊपर रार दिखाई दे रहा है. चुनाव प्रचार से पहले से ही उद्धव ठाकरे सीएम पद के नाम के ऐलान पर बात कहते रहे हैं. लेकिन अब चुनाव प्रचार खत्म हो रहा है. गठबंधन की ओर से अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है. कांग्रेस पार्टी की ओर से और एनसीपी की ओर से भी यही कहा गया है कि जिस दल की संख्या ज्यादा होगी उस दल का नेता सीएम पद का दावेदार होगा. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने इस बारे में साफ कहा है. एनसीपी शरद पवार की ओर से भी यही बात कही गई है.

उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ा दल के रूप में उभरी थी. लेकिन, चुनाव परिणाम के बाद सीएम पद को लेकर उद्धव ठाकरे ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था और कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. यह सरकार करीब ढाई साल तक चली थी और उसके बाद शिवसेना से एकनाथ शिंदे अलग हुए और एनसीपी से अजित पवार अलग हुए और राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया.

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