महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में एक बयान में कहा कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. यह बयान मौत की धमकियों के जवाब में दिया गया था, जिसमें उनकी कार में बम होने की चेतावनी दी गई थी. शिंदे ने खुद को निडर बताया और कहा कि उन्हें पहले भी धमकियां मिली थीं. लेकिन वे डरे नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे बालासाहेब ठाकरे के कार्यकर्ता हैं और सभी को उन्हें इसी समझ के साथ लेना चाहिए. हालांकि, सियासी गलियारों में इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
हाल के दिनों में महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच खटपट की कुछ खबरें मीडिया में सामने आई थी. राजनीति के जानकार इसे कोल्ड वॉर बता रहे थे. चर्चा यह थी कि महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के कुछ विधायकों की वीआईपी सुरक्षा हटाने से दोनों ही दलों में खटपट की शुरुआत हुई है. दरअसल गृह विभाग ने महाराष्ट्र में वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा के बाद शिवसेना शिंदे गुट, बीजेपी और अजित गुट के विधायकों की Y दर्जे की सुरक्षा हटा दी थी.
शिंदे ने भाजपा को सत्ता में वापस लाने में अपनी भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 में मैंने सरकार बदली (और) विधानसभा में अपने पहले भाषण में (2024 के चुनाव से पहले) मैंने कहा था कि फडणवीस को 200 से अधिक सीटें मिलेंगी और हमें 232 सीटें मिलीं.
मुंबई पुलिस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कार को उड़ाने की धमकी देने वाले ईमेल के सिलसिले में महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों की पहचान मंगेश वायल (35) और अभय शिंगणे (22) के रूप में हुई है. दोनों जिले के देउलगांव राजा के देउलगांव माही इलाके के निवासी हैं.
गोरेगांव पुलिस को अज्ञात शख्स द्वारा शिंदे की गाड़ी को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला था. इसके बाद कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की. अधिकारियों ने तुरंत सुरक्षा प्रोटोकॉल शुरू किए और धमकी के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच शुरू की.