दुर्लभ होती जा रही 'सिल्वर पॉम्फ्रेट' को महाराष्ट्र ने राज्य मछली घोषित किया

महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, सिल्वर पॉम्फ्रेट को राज्य मछली घोषित करने से राज्य में सिल्वर पॉम्फ्रेट के संरक्षण और उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:

महाराष्ट्र की अधिकांश तटीय आबादी के पसंदीदा समुद्री भोजन सिल्वर पॉम्फ्रेट को 'राज्य मछली' घोषित किया गया है. यह घोषणा मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने की है. दुर्लभ होती जा रही सिल्वर पॉम्फ्रेट को इस फैसले से महाराष्ट्र में संरक्षण और उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

महाराष्ट्रियन थाली की शान सिल्वर पॉम्फ्रेट को राज्य मछली का दर्जा मिल गया है. पिछले कई बरसों से पॉम्फ्रेट मछली को राज्य मछली का दर्जा देने की मांग की जा रही थी.

मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि, ‘'सिल्वर पॉम्फ्रेट को राज्य मछली घोषित कर रहे हैं. यह हमने फैसला किया है. इस निर्णय से महाराष्ट्र में सिल्वर पॉम्फ्रेट के संरक्षण और उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी''

पॉम्फ्रेट राज्य से सबसे ज़्यादा निर्यात की जाने वाली मछली

पॉम्फ्रेट राज्य से सबसे ज़्यादा निर्यात की जाने वाली मछली है. हालांकि, सन 1980 के बाद से इसके उत्पादन में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है, इसलिए यह मछली दुर्लभ होती जा रही है.

एक मछुआरे ने कहा, ‘'मछली बहुत कम हो गई…गहरे पानी में जाते हैं फिर भी नहीं मिलती. पहले से बहुत नुकसान हुआ है. पहले कहां 4-5 किलो एक बार में पकड़ लेते थे, अब एक किलो तक ही बहुत से बहुत हो पाता है.''

मछली प्रजाति की रक्षा करने में मिलेगी मदद

मछुआरों का मानना है कि सिल्वर पॉम्फ्रेट को राज्य मछली का दर्जा मिलने के
बाद इस प्रजाति की रक्षा करने में बड़ी मदद मिलेगी. 

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सिल्वर पॉम्फ़्रेट के उत्पादन में गिरावट की खास वजह बढ़ता प्रदूषण, पूर्ण परिपक्वता और प्रजनन आयु तक पहुंचने से पहले ही मछली पकड़ लेना है. नए फैसले से अब इस मछली के सफल प्रजनन को सुनिश्चित करने, संरक्षण और सतर्क निगरानी जैसे फैसलों को अहमियत मिलेगी.

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