टीम उद्धव का महाराष्ट्र के राज्यपाल पर तंज – "राफेल से भी ज़्यादा तेज़..."

राज्यपाल के त्वरित कार्रवाई पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, "राज्यपाल एक जेट की गति से भी तेज चल रहे हैं. यह जेट की गति थी. यहां तक कि एक राफेल जेट भी इतना तेज नहीं है."

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शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल पर पक्षपात का आरोप लगाया है.
मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कल बहुमत साबित करने का आदेश दिए जाने के फौरन बाद शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे टीम की अर्जी मान ली है और सुनवाई आज ही शाम 5 बजे होगी. गौरतलब है कि, राज्यपाल को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बताया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपना बहुमत खो चुका है. इसके एक दिन बाद ही राज्यपाल ने यह कार्रवाई की. राज्यपाल ने एक पत्र में राज्य विधानसभा सचिव को फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के लिए कहा है. उन्होंने पत्र में लिखा, "महाराष्ट्र राज्य में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य एक बहुत ही परेशान करने वाली तस्वीर पेश करता है."

बहरहाल, टीम ठाकरे ने राज्यपाल के इस शॉर्ट नोटिस पर सवाल उठाया. सत्तारूढ़ पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए विद्रोहियों को 12 जुलाई तक का समय दिया है.

राज्यपाल के इस त्वरित कार्रवाई पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, "राज्यपाल एक जेट की गति से भी तेज चल रहे हैं. यह जेट की गति थी. यहां तक कि एक राफेल जेट भी इतना तेज नहीं है." स्पष्ट है कि अपने बयान के जरिए शिवसेना नेता ने राज्यपाल पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. संजय राउत ने कहा कि इस तरह का कोई भी कदम "अवैध" है, जब सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं किया था.

"हम कहते रहे हैं कि इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के बिना कोई फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता. हमने सब कुछ कानूनी तरीके से किया है. हम इसे कानूनी रूप से लड़ रहे हैं. अगर आप हमसे लड़ना चाहते हैं तो सामने से आकर लड़ें, "संजय राउत ने कहा.

"मैं राज्यपाल के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. वह संवैधानिक प्रमुख हैं. लेकिन अगर इस तरह से काम होगा तो हम भी वो कार्रवाई करेंगे जो हमें उचित लगेगा."संजय राउत ने कहा.

गैरतलब है कि एकनाथ शिंदे हर कदम पर भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं. फिलहाल उनके खेमे में 40 से अधिक बागी विधायक हैं.  उन्होंने पिछले हफ्ते विद्रोहियों के एक समूह के साथ मुंबई छोड़ दिया और भाजपा शासित गुजरात के सूरत शहर चले गए. सूरत से वो एक अन्य भाजपा शासित राज्य असम के लिए रवाना हुए. राज्य की भारी सुरक्षा के बीच गुवाहाटी के एक लग्जरी होटल में एक सप्ताह बिताने के बाद 50 से अधिक विधायक आज गोवा जाएंगे.

बहरहाल, भाजपा ने इस बगावत में किसी भी भूमिका से इनकार किया है. लेकिन अपना पहला बड़ा कदम महाराष्ट्र की सियासी संकट के दौरान तब उठाया जब पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि उद्धव ठाकरे को अपना बहुमत साबित करना चाहिए.

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