महाराष्ट्र का पुणे जिला फिलहाल देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा बुरी तरह त्रस्त है. यहां संक्रमण के मामले बेतहाशा तेजी से बढ़े हैं, जिसके बाद प्रशासन ने यहां पर एक हफ्ते के लिए कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. शुक्रवार को प्रशासन ने एक हफ्ते लिए रोज 12 घंटों के कर्फ्यू की घोषणा की है. शनिवार सुबह 6 बजे से यह आदेश लागू हो जाएगा. अगले शुक्रवार को फिर स्थिति का जायजा लेने के बाद इस आदेश की समीक्षा की जाएगी.
पुणे के डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव ने शुक्रवार की दोपहर को बताया कि अगले सात दिनों तक होटल-बार, शॉपिंग मॉल, मूवी थियेटर और धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे. इस अवधि में खाने, दवाइयों और दूसरी जरूरी सेवाओं की बस होम डिलीवरी की इजाजत रहेगी.
बता दें कि पुणे फिलहाल देश में कोरोना से सबसे ज्यादा जूझ रहे जिलों में से एक है. गुरुवार देर रात तक जिले में संक्रमण के 8,011 नए केस सामने आए हैं. इसके साथ ही कुल संक्रमण के मामले लगभग 5.5 लाख के करीब हो गए हैं. ऐसा लगातार दूसरा दिन था जब पुणे में 8,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हो. बुधवार को यहां पर 8,605 नए केस आए थे, जो दिसंबर, 2019 में महामारी के शुरू होने के बाद से सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
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अधिकारियों ने बताया कि नए मामलों में सबसे ज्यादा मामले- 4,103 पुणे नगर निगम के अधिकारक्षेत्र में आने वाले इलाकों में पाए गए थे, जहां कुल मामले बढ़कर 2,73,446 हो चुके हैं.
पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने निजी अस्पतालों को आदेश देकर कहा है कि वो अपने 80 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध कराएं. उन्होंने ANI को बताया कि इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों और उनके संबंधियों की शिकायतों का समाधान करने के लिए खासतौर पर अधिकारियों की तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमना में लॉकडाउन लगाने की बहुत जरूरत नहीं है. टेस्टिंग, ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन ड्राइव को तेज करना है, जो पहले ही किया जा रहा है.
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