शिवसेना के स्थापना दिवस के मौके पर दोनों ही गुटों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां एकनाथ शिंदे पर अपने पिता बाल ठाकरे का नाम को "चोरी" करने का आरोप लगाया वहीं पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने एक वीडियो क्लिप दिखाया जिसमें बाल ठाकरे कह रहे हैं कि वो कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे. शिंदे ने कहा कि हम कल क्रांति दिवस मनाकर उन्हें जवाब देंगे... यह हर साल और शिवसेना की हर शाखा में मनाया जाएगा.
उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए शिंदे ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकने ने पिछले ढाई साल में कितने हस्ताक्षर किए थे? मैं उससे कई गुना अधिक कर चुका हूं. मैं फाइलों को एक दिन में ही निपटा देता हूं. कार से यात्रा करने के दौरान भी मैं फाइलों पर साइन करता हूं. पिछले मुख्यमंत्री अपने पास एक पेन भी नहीं रखते थे, मैं दो पेन रखता हूं. शिंदे ने कहा कि उनके और अन्य विधायकों के खिलाफ ‘‘विश्वासघाती'' होने के आरोप लगाने से उद्धव को जनता की सहानुभूति हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी.
दक्षिण-मध्य मुंबई के वर्ली में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि कल गद्दार दिवस है. गद्दारों के विश्वासघात का एक साल होगा. इस एक साल में, उन्होंने कागजों पर हमारा नाम चुराया, मेरे पिता का भी नाम चुराने की कोशिश की. फिर भी, उन्हें हर बार उद्धव ठाकरे का नाम लेना पड़ता है अपने भाषणों में. आप (एकनाथ शिंदे) राम मंदिर का श्रेय चुरा सकते हैं. लेकिन राम का नाम जपने के बजाय, आप उद्धव ठाकरे का नाम जपते हैं.
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों को लगता है कि वह सूर्य की तरह हैं, तो वह हिंसाग्रस्त मणिपुर पर चमक क्यों नहीं दिखा रहे हैं. ठाकरे ने इसके साथ ही ऐसे समय में मोदी की अमेरिका यात्रा पर सवाल उठाया जब पूर्वोत्तर राज्य जातीय संघर्ष की चपेट में है.
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