महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अयोध्या मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा किये जाने के अवसर पर ठाणे में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ढोल बजाये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला के नवीन विग्रह की दोपहर साढ़े बारह बजे प्राण-प्रतिष्ठा की गई और देश-विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने.
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान बजायी गयी मधुर ‘‘मंगल ध्वनि'' में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया गया. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के बाद, शिंदे और उनकी पार्टी (शिवसेना) के कार्यकर्ता मुंबई के पड़ोसी ठाणे शहर में कपिनेश्वर मंदिर के पास खुले स्थान पर एकत्र हुए. वहां मुख्यमंत्री ने इस अवसर के उपलक्ष्य में ढोल बजाये.
बाद में, संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का 500 साल का सपना अंतत: सच हो गया.
शिंदे ने कहा, ‘‘यह बालासाहेब ठाकरे और लाखों राम भक्तों का सपना था. कारसेवा के दौरान आनंद दीघे (शिंदे के राजनीतिक गुरु) ने हमारा नेतृत्व किया और उन्होंने मंदिर के निर्माण के लिए चांदी की एक ईंट भी दान में दी. राम मंदिर आस्था का विषय है, राजनीति का नहीं.''
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल यह तंज कसा करते थे कि ‘‘मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे'' लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तारीख निर्धारित की और मंदिर अब श्रद्धालुओं के लिए खुल गया.
उन्होंने कहा कि आज का दिन स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि भगवान राम जब वनवास गए तब वह सबसे पहले नासिक आये थे. शिंदे ने कहा कि अयोध्या मंदिर में इस्तेमाल की गई सागवान की लकड़ी महाराष्ट्र की है. मुख्यमंत्री शाम में, दादर के शिवाजी पार्क से मुंबई के निचले पारले इलाके में स्थित भोईवदा राम मंदिर तक एक शोभायात्रा में भी हिस्सा लेंगे.
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