बीजेपी की मदद से एकनाथ शिंदे द्वारा महाराष्ट्र में सत्ता पलट के बाद शिवसेना के उद्धव खेमे ने पहली चुनाव में जीत हासिल की. मुंबई के अंधेरी (पूर्व) उपचुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार रुतुजा लटके ने 66,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की.
ऋतुजा लटके को समर्थन देने के कई दलों की घोषणा के बाद बीजेपी द्वारा अपना उम्मीदवार वापस लेने के बाद यह चुनाव वास्तव में एक प्रतियोगिता नहीं थी. ऋतुजा को कांग्रेस और राकांपा का भी समर्थन प्राप्त था, जो गत महा विकास अघाड़ी में सहयोगी थे, जो तख्तापलट के बाद सत्ता से चली गई.
चुनाव परिणाम में केवल एक ही हैरान करने वाली बात थी. वो ये कि छह उम्मीदवारों से अधिक नोटा वोट दिए गए हैं. मई में ऋतुजा लटके के पति और शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद चुनाव जरूरी हो गया था. लटके, जिन्होंने बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) में क्लर्क के रूप में काम किया था, अपना नामांकन तभी दाखिल कर सकीं जब एक अदालत ने मुंबई नगर निकाय को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया.
यह पहला चुनाव है जब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एक नए नाम - शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ लड़ रही थी. दशकों में पहली बार, यह एक नए सिंबोल 'मशाल' या ज्वलंत मशाल के तहत लड़ रहा है. मूल नाम और धनुष-बाण अभी के लिए चुनाव आयोग के पास हैं, जिसने एकनाथ शिंदे के गुट को बालासाहेबंची शिवसेना नाम दिया और तलवार-ढाल को प्रतीक के रूप में दिया.
हालांकि, बीजेपी ने घोषणा की कि वह शिवसेना विधायक के सम्मान में अपने उम्मीदवार को वापस ले रही है, जिनकी मृत्यु हो गई थी. इधर, टीम ठाकरे के संजय राउत ने कहा कि बीजेपी को अपनी हार का आभास हो गया था. उन्होंने कहा, " बीजेपी ने एक सर्वेक्षण किया जिसमें भविष्यवाणी की गई थी कि उनका उम्मीदवार (मुरजी पटेल) हार जाएगा. कम से कम 45,000 वोट."
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