2014 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूटने की अंदरूनी कहानी पहली बार देवेंद्र फडणवीस ने सुनाई

BJP Uddhav Thackeray Alliance Devendra Fadnavis Big Statement: कभी मुंबई पर राज करने वाला ठाकरे परिवार अभी सबसे बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. यहां तक कि विचारधारा को लेकर भी पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस है.

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BJP Uddhav Thackeray Alliance Devendra Fadnavis Big Statement: महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार और बीजेपी का नाता हमेशा दिलचस्पी का केंद्र बना रहा है. बाल ठाकरे के जमाने की दोस्ती उद्धव ठाकरे के आते-आते समाप्त हो गई. साथ छूटने का आरोप उद्धव ठाकरे बीजेपी पर लगाते रहे हैं. हालांकि, बीजेपी की तरफ से इस पर कभी कुछ नहीं कहा गया. यहां तक की महाराष्ट्र में बीजेपी के सारथी देवेंद्र फडणवीस ने भी कभी कुछ नहीं कहा. मगर, अब उन्होंने इस राज पर से पर्दा हटा दिया है.

देवेंद्र फडणवीस ने क्या बताया

सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस राज से पर्दा हटाया. फडणवीस ने 2014 का किस्सा बताते हुए कहा, "हम उस समय शिवसेना को 147 सीटें देने को तैयार थे और यह भी तय हुआ था कि उनका मुख्यमंत्री होगा और हमारा उपमुख्यमंत्री होगा, लेकिन उद्धव ठाकरे 151 पर अड़े रहे और गठबंधन टूट गया." देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा है कि भाजपा ने शिवसेना को 147 सीटें और अपने लिए 127 सीटों का प्रस्ताव उद्धव ठाकरे को दिया था, लेकिन उद्धव ठाकरे 151 पर अटके हुए थे. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उस वक्त ओम प्रकाश माथुर, अमित शाह और  पीएम मोदी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया कि अलग चुनाव लड़ा जाए. इसके बाद की कहानी सभी को पता है. महाराष्ट्र में 2014 से लेकर 2024 तक तीनों विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटें पार करने वाली इकलौती पार्टी भारतीय जनता पार्टी है.

उद्धव ठाकरे की पार्टी की हालत

देवेंद्र फडणवीस के इस दावे पर उद्धव ठाकरे की पार्टी की तरफ अब तक कोई बयान नहीं आया है. बीजेपी से संबंध तोड़कर उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम, सिंबल से लेकर साख तक गंवाना पड़ा है. शिवसेना अब एकनाथ शिंदे के पास चली गई है और इस चुनाव में एकनाथ शिंदे ने अच्छा प्रदर्शन कर ये साबित किया है कि उन्हें शिवसैनिकों का भी सपोर्ट मिला है. कभी मुंबई पर राज करने वाला ठाकरे परिवार अभी सबसे बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. यहां तक कि विचारधारा को लेकर भी पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस है.

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