कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस की कीमत हमें चुकानी पड़ी: महाराष्ट्र में हार पर बोली उद्धव ठाकरे की सेना

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए अंबादास दानवे ने कहा कि परिणामों से पहले ही वे सूट और टाई पहनकर तैयार हो रहे थे. उन्होंने कहा कि शिवसेना सेना (यूबीटी) अपनी ताकत उस स्तर तक बनाने की तैयारी करेगी, जहां वह राज्य की सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सके.

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मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद इंडिया गठबंधन के नेता ने कांग्रेस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. शिवसेना (यूबीटी) के एक वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस और सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान उसके रवैये ने महा विकास अघाड़ी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है. राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है.

महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी को उद्धव ठाकरे को अपने CM चेहरे के रूप में पेश करना चाहिए था. दानवे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की तरह महाराष्ट्र में भी ओवर कॉन्फिडेंस थी, जिसका असर नतीजों पर साफ देखनों को मिला. कांग्रेस के रवैये ने हमें चोट पहुंचाया है. उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया जाना चाहिए था. अगर ऐसा होता तो परिणाम अलग होते.

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए अंबादास दानवे ने कहा कि परिणामों से पहले ही वे सूट और टाई पहनकर तैयार हो रहे थे. उन्होंने कहा कि शिवसेना सेना (यूबीटी) अपनी ताकत उस स्तर तक बनाने की तैयारी करेगी, जहां वह राज्य की सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सके.

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अपने पूर्व पार्टी सहयोगी एकनाथ शिंदे के विद्रोह पर दानवे ने कहा कि बीजेपी में कई शिंदे है. बीजेपी उनका इस्तेमाल करती है और उन्हें फेंक देती है.

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बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीजे कई सियासी मायनों में बेहद खास हैं. इस चुनाव में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेतृत्व वाले 'महायुति' ने प्रचंड जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी शिकस्त मिली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रदर्शन अब तक सबसे खराब रहा है.

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महायुति ने महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें हासिल की. भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती. जबकि, उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 57 सीटें और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) महज 46 सीटों पर सिमटकर रह गई. शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली. इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ 10 सीटें ही दी.

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