महाराजा अग्रसेन अस्पताल: कोरोना मरीजों को लगने आए रेमडेसिविर को 40-50 हजार में कर रहे थे ब्लैक, 2 स्टाफ मेंबर्स गिरफ्तार

महाराजा अग्रसेन अस्पताल के दो पुरुष स्टाफ नर्स अस्पताल में कोरोना मरीज़ों को लगने आए रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक करते हुए पकड़े गए हैं.

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महाराजा अग्रसेन अस्पताल के दो स्टाफ मेंबर्स का पर्दाफाश, कोरोना मरीज़ों को लगने आए रेमडेसिविर इंजेक्शन 40-50 हजार में कर रहे थे ब्लैक
नई दिल्ली:

देशभर समेत दिल्ली में कोरोना के चलते हालात बेकाबू हैं. कोरोना संक्रमण की रफ्तार को धीमा करने के लिए दिल्ली में वैक्सीनेशन का कार्य भी शुरू हो गया है. वहीं महामारी के इस मुश्किल समय में दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल के दो पुरुष स्टाफ नर्स अस्पताल में कोरोना मरीज़ों को लगने आए रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक करते हुए पकड़े गए हैं.

पुलिस के मुताबिक, दोनों पुरुष स्टाफ नर्स अस्पताल में कोविड मरीजों की देखभाल को लेकर ICU में ड्यूटी पर तैनात थे.

पुलिस का कहना है कि कोविड के इलाज के दौरान, जिन मरीज़ों की मौत हो जाती थी यह उस मरीज के कोटे के इंजेक्शन के डोज अस्पताल के बाहर से व्हाट्सऐप कॉल के जरिए ब्लैक कर देते थे. 

अस्पताल के स्टाफ के दोनों पुरुषों दीपक और यशवंत को पुलिस ने पकड़ लिया है और इनके पास से असली इंजेक्शन बरामद हुए हैं.

पुलिस ने बताया कि नियम के मुताबिक, इन दोनों को कोविड मरीजों के लिए आए इंजेक्शन का लेखा जोखा भी रखना था और जो डोज मरीज को लग गई है उस इंजेक्शन के खाली वाईल्स भी मरीज के तीमारदार को देना होता था. लेकिन मनोज और यशवंत कोविड मरीज की मौत के बाद उस मरीज के लिए आए इन इंजेक्शन को चोरी छुपे 40 से 50 हजार में ब्लैक कर देते थे. इसके अलावा पुलिस अस्पताल से बाकी जानकारी भी ले रही है.
 

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