तीर्थराज प्रयाग. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी. महासंगम पर महारंगों के महामिलन का मेला. जीवन का शायद ही कोई ऐसा रंग हो जो छूट रहा हो. आध्यात्म और जीवन के इतने रंग कि आत्मा सराबोर हो जाए. सोमवार को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान से प्रयागराज में महाकुंभ का शंखनाद हुआ. 45 दिन चलने वाले महाकुंभ के पहले ही दिन संगम की रेती पर श्रद्धालुओं का ऐसा रेला. जहां तक नजर पहुंचे, सिर ही सिर. कोई गठरी उठाए. कोई बच्चे को बैठाए. कोई कड़कड़ाती ठंड में चादर लपेटे. कोई बुजुर्ग माता-पिता का हाथ पकड़े. कहीं राम नाम का सत्संग. कहीं राधे राधे. कहीं शिव आराधना. कहीं देश के कोने से आए हठयोगियों के हठयोग, जो एकबारगी सोचने पर मजबूर करे- ऐसा संभव है क्या?
और इन सब रंगों से होकर पौष की पूर्णिमा का पुण्य समेटने के लिए भोर से स्नान ध्यान करने का सिलसिला. जब जीवन रजाई में सिमटने की चाहत रखता हो, ऐसे में शरीर में ऐसी अद्भुत ऊर्जा! कहां है इसका स्रोत? ठंड कहां छूमंतर है? संगम में स्नान करते बूढ़े, बच्चे, महिलाएं. सबकुछ अद्भुत, अविश्वनीय, अकल्पनीय. कुछ ऐसा है महाकुंभ. जिसमें एक दिन में 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अमृत स्नान कर चुके हैं. नीचे देखिए महाकुंभ के ऐसे रंग...
महाकुंभ, हार्ले डेविडसन और बाबा
महाकुंभ में संन्यासी और नागा साधु समेत कई अन्य लोग भी पहुंचे हुए हैं. महाकुंभ के अलग-अलग रंग दिख रहे हैं. प्रयागराज में संन्यासियों का अपना ही आभामंडल है. कोई एकांत में शांत, तो कोई जीवन के हर रंग को अपने में समेटे हुए. अब हार्ले डेविडसन पर इन बाबा को ही देखिए. बुलेट वाले बाबा महाकुंभ में लेकर बेहद उत्साहित दिख रहे हैं. महाकुंभ 2025 में सिर्फ बुलेट वाले बाबा ही नहीं बल्कि कई अन्य साधु-संतों की भी ऐसी ही तस्वीरें हर दिन सामने आ रही हैं.
और एक तस्वीर यह भी है. शिव के डमरू से महाकुंभ में महानाद.
'हम तो धन्य हो गए', महाकुंभ में पहुंचे विदेशी श्रद्धालु भी गदगद
धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं. पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था. कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा. कल मैं भी स्नान करूंगी. महाकुंभ की दृष्टि से कल का दिन बहुत अहम होने जा रहा है. हालांकि, आज इसकी विधिवत रूप से शुरुआत हो चुकी है, लेकिन कल का दिन शाही स्नान का है और मैं काफी उत्सुक हूं.
बुधादित्य योग में पौष पूर्णिमा में आस्था की डुबकी
पौष पूर्णिमा यानि आज बुधादित्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है. स्नान के बाद सकल कामना सिद्धी, जनकल्याण व राष्ट्र अभ्युदय के लिए यज्ञ-अनुष्ठान आरंभ हो जाएगा. देश-विदेश के संत व श्रद्धालु गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी(संगम) के पवित्र जम में डुबकी लगाकर भजन-पूजन में रम जाएंगे.
अंडरवाटर ड्रोन, AI कैमरे से निगरानी
भारत के संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि पहली बार, संगम क्षेत्र में चौबीसों घंटे निगरानी प्रदान करने के लिए शहर भर में 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम पानी के नीचे ड्रोन तैनात किए गए हैं. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) क्षमताओं वाले कम से कम 2,700 कैमरे जो रियल टाइम निगरानी और चेहरे की पहचान तकनीक प्रदान करेंगे, एंट्री गेट्स पर लगाए गए हैं.
क्या है पौराणिक मान्यता?
पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करेंगे. इसके लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेष इंतजाम किए हैं. कल्पवास की शुरुआत आज पौष पूर्णिमा से होगी.
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