उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती के नाम पर लगातार ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद पिछले दिनों ही इस मामले में 2 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई. महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए मंदिर समिति अब जागरूकता अभियान चलाएगी. अगर आप भी महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में शामिल होना चाहते हैं और ठगी से बचना है तो यहां उस तरीके के बारे में जानिए, जिससे आप आसानी से मंदिर की भस्म आरती में शामिल हो सकें.
ठगी से बचाने के लिए लगातार होगी एनआउंसमेंट
शिवभक्तों को ठगी से बचाने के लिए मंदिर के कंट्रोल रूम से भी लगातार एनआउंसमेंट होती रहेगी. इसमें बताया जाएगा कि भस्म आरती की अनुमति कैसे मिलती है और इसके लिए कितने पैसे देने होते हैं. इसका मकसद यही है कि श्रद्धालुओं कि भस्म आरती में पहुंचने वाले लोगों की संख्या तय की जा सकें. इसके साथ ही उसकी बुकिंग को और सुगम और पारदर्शी बनाया जा सकें. जिससे कि लोगों को भस्म आरती में शामिल होने की सारी जानकारी मिल जाए और वो ठगी का शिकार होने से भी बच जाएं.
भारत में 12 ज्योतिर्लिंग स्थल हैं, जिन्हें शिव का एक रूप माना जाता है. पुराणों में कहा गया है कि जब तक महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन नहीं कर लेते, तब तक आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता है. हिंदू शास्त्रों में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि भगवान शिव ने 12 जगहों पर साक्षात दर्शन दिए थे, तब वहां ज्योतिर्लिंग उत्पन्न हुए.
क्या है भस्म आरती, जिसमें शामिल होने की मारामारी
महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे मंदिर में होने वाली मंगला आरती में भगवान को भस्म स्नान कराया जाता है. इसे भस्म आरती कहते हैं. हर शिवभक्त की चाह होती है कि वो इस भस्म आरती में शामिल होकर पुण्य की प्राप्ति करें. भस्म आरती में शामिल होने की चाह में ही लोग उन ठगों का शिकार बन जाते हैं, जो आरती में शामिल कराने के नाम पर भक्तों से मनमानी रकम वसूलते हैं. यही वजह है कि लोग किसी भी कीमत पर भस्म आरती में शामिल होने के लिए राजी हो जाते हैं. इसी वजह से उन भक्तों को भस्म आरती में शामिल होने का मौका ही नहीं मिल पाता जिनकी माली हालत सही नहीं होती.
महाकाल दक्षिण की ओर मुख वाला इकलौता ज्योतिर्लिंग है, जबकि अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों का मुख पूर्व में है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मृत्यु की दिशा दक्षिण मानी जाती है. अकाल मृत्यु से बचने के लिए लोग महाकालेश्वर की पूजा करते हैं. महाकाल से जुड़ी एक कहानी है, जिसमें कहा गया कि एक बार चंद्रसेन राजा, जिसने उज्जैन पर शासन किया था और वह शिव भक्त था. भगवान अपने महाकाल रूप में प्रकट हुए और राजा के शत्रुओं का नाश किया. अपने भक्तों के अनुरोध पर शिव उज्जैन में निवास करने लगे और यहां के प्रमुख देवता बनने पर राजी हुए.
भक्तों से भस्म आरती के लिए हजारों की ठगी
लंबे समय से मंदिर में रुपये लेकर भस्म आरती दर्शन की अनुमति दिलाने का अवैध काम चल रहा है. मंगलवार को ही बेंगलुरु के दो श्रद्धालुओं से 7000 रुपये की ठगी हो गई. पिछले 4 महीने में एक दर्जन ऐसे मामले आ चुके हैं, जिसमें बिचौलियों ने दर्शन अनुमति दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की है. भगवान महाकाल की भस्म आरती दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन करीब 1700 भक्तों को अनुमति जारी करती है. इसमें मंदिर की वेबसाइट के माध्यम से 400 भक्तों को आनलाइन अनुमति दी जाती है.
मंदिर में भस्म आरती के नाम पर कौन कर रहा ठगी
500 अनुमति प्रोटोकाल के तहत वीआइपी भक्तों को मिलती है. 400 सीट पुजारी, पुरोहित के यजमानों के लिए आरक्षित हैं, वहीं सामान्य लोगों लिए 400 सीट रिजर्व है. भस्म आरती दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क ऑनलाइन जमा करना होता है. पुजारी, पुरोहित के यजमान व प्रोटोकाल के तहत इजाजत लेने वालों को भुगतान के लिए लिंक मिलता है. भस्म आरती में चल रही अवैध वसूली में मंदिर समिति के कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड, समिति सदस्य, पुजारी, पुरोहित के शामिल होने की सामने आ चुकी है. अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.