महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप (Mahadev online betting app) मामले में अभी तक सिर्फ दोनों प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के नाम सामने आए थे, लेकिन परदे के पीछे इस काले कारोबार के सूत्रधार और भी हैं. इनमें दुबई और भारत में रहकर महादेव ऐप का नेटवर्क चलाने से लेकर हवाला कारोबार से जुड़े लोग और सरकारी सुरक्षा के नाम पर घूसखोरी करने वाले पुलिस कर्मी भी हैं. एनडीटीवी को इस खास पड़ताल में इन सबके रोल और ठिकानों की जानकारी मिली है.
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप स्कैम में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने एक बार फिर करोड़ों रुपये बरामद किए हैं. हालांकि 6000 करोड़ से भी ज्यादा के महादेव ऑनलाइन बेटिंग स्कैम के मास्टरमाइंड और प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अब तक ईडी की पहुंच से बाहर हैं.
वैसे सट्टा किंग बनने से पहले छत्तीसगढ़ के भिलाई में जूस की दुकान चलाने वाले सौरभ चंद्राकर और उसके पार्टनर रवि उप्पल का यह खेल अकेले आगे नहीं बढ़ा, कई और लोग हैं, जिन्होंने उन्हें परदे के पीछे से मदद दी. इनमें सबसे बड़ा नाम है विकास छापरिया का.
कोलकाता का छोटा शेयर ब्रोकर अब वानुआतु द्वीप का नागरिकविकास छापरिया कभी कोलकाता का एक छोटा शेयर ब्रोकर था. लेकिन अब वह दक्षिण प्रशांत महासागर के वानुआतु द्वीप समूह नाम के देश की नागरिकता ले चुका है. पता चला है कि विकास सौरभ और उप्पल की काली कमाई को शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने का काम करता है. साथ ही UAE में सौरभ चंद्राकर की आलीशान वेडिंग पार्टी के लिए हवाला के जरिए कैश भुगतान की जिम्मेदारी भी उसी की थी. ईडी ने हाल ही में विकास की 236 करोड़ की शेयर होल्डिंग फ्रीज की है.
ईडी के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार छत्तीसगढ़ पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर चंद्रभूषण वर्मा पर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप को पुलिस और सरकार से सुरक्षा दिलाने की जिम्मेदारी थी. एएसआई वर्मा पुलिस, सरकारी अधिकारियों और सौरभ चंद्राकर के बीच अहम कड़ी था. वर्मा पर संम्बंधित अफसरों और नेताओं तक रिश्वत पहुंचाने का भी जिम्मा था. ईडी का दावा है कि एएसआई वर्मा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा का करीबी है.
हवाला कारोबारी दो सगे भाई गिरफ्तारइस मामले से जुड़े छत्तीसगढ़ के रायपुर के निवासी अनिल दमानी और सुनील दमानी सगे भाई हैं और दोनों हवाला कारोबारी हैं. यह महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से की गई काली कमाई को दुबई से भारत में हवाला चैनल के जरिए रूट करने का काम करते हैं. दोनों को ईडी पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर चुकी है.
रायपुर में रहने वाले सतीश चंद्राकर पर ऐप का डेली ऑपरेशन देखने का जिम्मा था. सतीश ने अपने खुद के पांच पैनल भी ले रखे थे. इसके साथ ही उसके पास छत्तीसगढ़ के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के निर्देश पर सरकारी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों तक घूस की रकम पहुंचाने की जिम्मेदारी थी.
भोपाल के विशाल और धीरज आहूजा करते थे ट्रैवल अरेंजमेंटमध्यप्रदेश के भोपाल के रहने वाले दो भाईयों विशाल और धीरज आहूजा का प्रमुख काम महादेव ऐप के प्रमोटरों के परिवार और कारोबार से जुड़े लोगों के ट्रेवलिंग टिकट ऑपरेशन देखना था. सौरभ चंद्राकर के फेयर प्ले और रेड्डी अन्ना जैसी बेटिंग वेबसाइट को प्रमोट करने वाले सेलिब्रिटीज, यूएई में आयोजित पार्टी में शामिल होने वालों का ट्रैवल अरेंजमेंट करना भी उनके जिम्मे था. दोनों फेयरप्ले और रेड्डी अन्ना के 9 पैनल भी चलाते हैं इसके लिए जरूरी कई फर्जी बैंक अकाउंट खोल रखे हैं. इन दोनों के दुबई में छिपे होने का शक है.
मध्यप्रदेश में भोपाल का ही रहने वाला पवन नाथानी आहूजा भाईयों का खास एसोसिएट है और ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के लिए फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने का काम करता था.
दुबई में भिलाई के लड़के कर रहे ऐप का संचालनईडी के मुताबिक महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के साथ ही दोनों मुख्य आरोपी बेटिंग के 60 के करीब ऐप लॉन्च कर चुके हैं. उनका पूरा कारोबार दुबई से संचालित होता है. दुबई में बड़ी संख्या में भिलाई के लड़कों को ले जाकर उन्हें ऐप संचालन का जिम्मा दिया गया है.
ईडी अब तक मुंबई, कोलकाता और भोपाल में करीब 78 जगहों पर छापे मारकर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़ी 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति और नकदी बरामद कर चुकी है. एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और हवाला ऑपरेटर सहित पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इसके बावजूद महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप का काला कारोबार अब भी धड़ल्ले से चल रहा है.
हैरानी इस बात की भी है कि महादेव ऑनलाइन ऐप को प्रमोट करने वाले बॉलीवुड सितारों और सेलिब्रिटीज को नोटिस देकर उन्हें बयान देने के लिए बुलाया गया था लेकिन उसके आगे क्या हुआ इस पर ईडी ने चुप्पी साध रखी है.
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