आस्था के संगम यानि महाकुंभ (Mahakumbh 2025) की शुरुआत हो चुकी है. कड़ाके की ठंड में प्रयागराज में संगम पर डुबकी के लिए देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान (Amrit Snan) शुरू हो गया है, जहां 13 विभिन्न अखाड़ों के साधु बारी-बारी से डुबकी लगाने जा रहे हैं. महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान आज मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हुआ. इस खास मौके पर 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए जुलूस के साथ निकले. महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के लिए अखाड़ो ने मंगलवार सुबह से ही जुलूस निकालना शुरू कर दिया है.
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महाकुंभ : त्रिवेणी तट पर नागा साधु बने आकर्षण का केंद्र
महाकुंभ 2025 के अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना. त्रिवेणी तट पर इन साधुओं की पारंपरिक गतिविधियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. अमृत स्नान के लिए ज्यादातर अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन नागा साधुओं का अनुशासन और उनका पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था. कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवार लहराते हुए, इन साधुओं ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया. लाठियां भांजते और अठखेलियां करते हुए ये साधु अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे.
अमृत स्नान के लिए निकली अखाड़ों की शोभायात्रा में कुछ नागा साधु घोड़े पर सवार थे तो कुछ पैदल चलते हुए अपनी विशिष्ट वेशभूषा और आभूषणों से सजे हुए थे. जटाओं में फूल, फूलों की मालाएं और त्रिशूल हवा में लहराते हुए उन्होंने महाकुंभ की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया. स्व-अनुशासन में रहने वाले इन साधुओं को कोई रोक नहीं सकता था, लेकिन वे अपने अखाड़ों के शीर्ष पदाधिकारियों के आदेशों का पालन करते हुए आगे बढ़े. नगाड़ों की गूंज के बीच उनके जोश ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। त्रिशूल और डमरू के साथ उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का उत्सव है.
मकर संक्रांति अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं ने तट पर की पूजा
महाकुंभ 2025 के प्रथम अमृत स्नान का शुभारंभ मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हुआ. संगम के त्रिवेणी तट पर लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों का अद्भुत संगम देखने को मिला. इस ऐतिहासिक अवसर पर स्नान कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को नया आयाम दिया. स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर ही अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की. इस पूजन में तिल, खिचड़ी और अन्य पूजन सामग्रियों का उपयोग किया गया. श्रद्धालुओं ने तिल और खिचड़ी का दान कर धर्म लाभ प्राप्त किया. दान-पुण्य के इस क्रम ने पर्व को और पवित्र बना दिया.
महाकुंभ में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा है कि पूरी संगम नगरी श्रद्धालुओं और साधु-सतों से भरी नजर आ रही है. अब तक महाकुंभ मेले में डुबकी लगाने वालों का आकंड़ा 3 करोड़ पार पहुंच चुका है. साधु-संत हो या फिर कोई श्रद्धालु हर कोई महाकुंभ में उत्साह से भरा नजर आ रहा है.
नारों से गूंजी संगम नगरी
महाकुंभ में मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को पहला अमृत स्नान जारी है. कड़ाके की ठंड में आस्था का सैलाब उमड़ा है. कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है. चारों ओर आध्यात्मिकता का प्रकाश और धर्म की गूंज है.
प्रयागराज: आज सुबह 8:30 बजे तक 1 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. प्रयागराज में गंगा के तटों पर इतनी भीड़ जुटी है कि तिल रखने की जगह भी नजर नहीं आ रही.
संगम तट पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के लिए जाते हुए साधु-संत. साधु-संत घोड़े पर सवार होकर गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, "यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है. आज आस्था के महापर्व 'मकर संक्रांति' के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई!"
अब अखाड़ों में सबसे बड़ा जूना अखाड़ा अब अमृत स्नान के लिए आने वाला है .. इनके साथ किन्नर अखाड़े भी रहेंगे .. जूना के साथ अग्नि अखाड़ा भी स्नान के लिए एक साथ आने वाले हैं .. जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी हैं.
संगम नगरी में आस्था को जो हुजूम उमड़ा है, उसे देख हर कोई भक्तीमय हो जाएगा. इस वक्त प्रयागराज में सिर्फ सांधु-संत ही नहीं बल्कि देश-विदेश से आए श्रद्धालु भी आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
प्रयागराज में मकर सक्रांति के पावन अवसर पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद नजर आया, ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना हो. घोड़ों पर सवार पुलिस वाले भीड़ को नियंत्रित करते हुए.
प्रयागराज में महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज जारी है. इस मौके पर भक्त संगम तट पर पूजा अर्चना करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ साधु संतों का स्नान भी बारी-बारी से चल रहा है.
संगम तट पर सुबह से ही अमृत स्नान शुरू हो चुका है. 13 अलग-अलग अखाड़े संगम तट पर बारी-बारी से डुबकी लगा रहे हैं. मकर सक्रांति के पावन मौके पर पवित्र डुबकी लगाते हुए साधु-संत
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में संगम तट पर भक्तों और श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा है. देशभर से लाखों की तादाद में पवित्र डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं.
महाकुंभ में लोग अपने परिवार के साथ पहुंच रहे हैं. आज मकर सक्रांति के अवसर पर संगम के तट पर भारी भीड़ जुटी है. महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में फैमिली फोटो क्लिक कराते हुए.
आनंद अखाड़े के कुमार स्वामी जी महाराज ने कहा, "इससे (महाकुंभ) बड़ा कुछ नहीं है. जो लोग यहां आ पाते हैं, वे बहुत भाग्यशाली हैं... जहां भी हम देखते हैं, लोग आपस में ही लड़ रहे हैं, यहां शांति है. यहां उपस्थित होने और सबकुछ घटित होते देखने मात्र से ही आनंद और शांति मिलती है... हमारे ऋषि-मुनि और शास्त्र हमेशा से विश्व में शांति चाहते रहे हैं. मैं अपने महान ऋषियों और धार्मिक ग्रंथों को नमन करता हूं, मैं इस दिन को देने के लिए हमारी धरती और भगवान शिव को नमन करता हूं, सभी को यहां आना चाहिए..."
मकर संक्रांति के पहले अमृत स्नान के दिन SSP कुंभ मेला राजेश द्विवेदी ने कहा, "सभी अखाड़े अमृत स्नान के लिए आगे बढ़ रहे हैं. स्नान क्षेत्र की ओर जाने वाले अखाड़ा मार्ग पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. पुलिस, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बल अखाड़ों के साथ चल रहे हैं."
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मंगलवार को महाकुंभ मेला 2025 के दौरान 'मकर संक्रांति' के अवसर पर संगम में पवित्र डुबकी लगाते हुए विदेशी भक्त
उत्तर प्रदेश: महाकुंभ और मकर सक्रांति के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान करने के लिए श्रद्धालु और विभिन्न अखाड़ों के साधु एकत्रित हुए. महामंडलेश्वर महानिर्वाणी अखाड़ा के महाराज स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा, "बहुत दिव्यता का अनुभव हो रहा है... चारो तरफ उत्साह और हर्षोल्लास है... यह अद्भुत दृश्य है... अपेक्षा से अधिक भीड़ यहां उपस्थित है... लेकिन जितने कम समय में योगी सरकार ने जो अत्यधिक सुविधाओं से युक्त, संपन्न और सुरक्षित कुंभ की व्यवस्था की है वो सराहनीय है."
महाकुंभ में संगम के तट पर साधु-संताओं का बड़ा रैला अमृत स्नान के लिए पहुंच रहा है. संगम के तट पर अमृत स्नान के लिए साधु संत. मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के साथ महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने पवित्र स्नान किया.
आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान है, इस खास अवसर पर प्रयागराज में देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं. आस्था के संगम में डुबकी लगने पहुंचे श्रद्धालु बेहद खुश नजर आ रहे हैं.
संगम में डुबकी लगाने के लिए जाते हुए निरंजनी अखाड़ा
Video : हर हर महादेव... सुबह के अंधेरे में अमृत स्नान के लिए निकले नागा साधु
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के साथ महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने पवित्र स्नान किया.
संगम में डुबकी लगाने के लिए साधु-संत जुलूस के साथ पहुंच रहे हैं.
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आज महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान है. इस मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. देखिए ड्रोन विजुल्स
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में नागा साधु हाथ में फरसे-तलवारें लेकर पहुंच रहे हैं. संगम पर चारों तरफ जय भोले की गूंज सुनाई दे रही है.
आचार्य महामण्डलेश्वर, श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया, "... राजसी शाही स्नान देव दुर्लभ है, देवताओं को भी दुर्लभ है. आज सूर्य उत्तरायण होंगे इस तिथि की प्रतीक्षा देश के सभी संत करते हैं... भारतीय परंपरा में इस स्नान को लेकर बड़ा कौतूहल रहता है. इस स्नान को देखने के लिए देवता भी तरसते हैं... आज लगभग 3-4 करोड़ लोग पवित्र स्नान करेंगे.
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के सफल समापन के बाद प्रयागराज महाकुंभ का सोमवार से आगाज हो चुका है. अब सबकी निगाहें ‘शाही स्नान' पर टिकी हैं जिसे इस साल सरकार ने ‘अमृत स्नान' का नाम दिया है.
महाकुंभ 2025 का अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू होने जा रहा है. महाकुंभ के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं. स्नान का समय 40 मिनट होगा. ये घाट से सुबह 6:55 बजे निकलेंगे और 7:55 बजे शिविर में पहुंचेंगे.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया, "सभी अखाड़ों को अमृत स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है और सभी अखाड़े एक के बाद एक पवित्र डुबकी लगाएंगे... बहुत ही दिव्य और स्वच्छ कुंभ है."