विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. मुख्तार के भाई और गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि आज तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
अंसारी के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.
इस सवाल पर कि क्या उन्हें लगता है कि बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार को बेहतर इलाज नहीं मिल पायेगा, सांसद ने कहा, ''यह वह लोग तय करेंगे कि क्या वे पूरी तरह से इलाज नहीं कर पा रहे हैं. मैंने गुजारिश की है कि उन्हें समय रहते अन्यत्र रेफर कर दीजियेगा.''
अंसारी ने कहा, ''डॉक्टर से मेरी बात हुई है. उन्होंने कहा है कि वह सर्जन हैं. यह सर्जरी का मामला है नहीं. उन्हें (मुख्तार) कब्ज हो गया था. एनीमा देने के बाद समस्या कुछ हद तक दूर हुई है. हालांकि पेट अभी गैस की वजह से फूला हुआ है. अभी वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहे हैं.''
इस बीच, अस्पताल में मुख्तार से मिलने पहुंचे उसके पुत्र उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि मुलाकातियों की सूची में उनके चाचा सांसद अफजाल अंसारी के साथ उनका नाम होने के बावजूद उन्हें अपने पिता मिलने नहीं दिया गया.
उमर ने संवाददाताओं से कहा कि वह रोजा रखकर 900 किलोमीटर दूर से अपने पिता को देखने आये थे लेकिन उन्हें उनकी एक झलक तक नहीं लेने दी गयी. उन्होंने कहा, ''सारी चीजें अलग हैं लेकिन मानवता भी तो कोई चीज होती है.''
इस बीच, पुलिस महानिदेशक (कारागार) कार्यालय से जारी एक बयान में बताया गया कि बंदी मुख़्तार अंसारी की तबीयत रात में अचानक खराब हो जाने तथा शौचालय में गिर जाने के कारण तत्काल जेल डॉक्टर ने उनका उपचार किया और जिला प्रशासन को सूचित कर डॉक्टरों की टीम बुलायी गई, जिसने बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.
बयान के मुताबिक, रात में ही बंदी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बाँदा में भर्ती कराया गया जहां उसका उपचार हो रहा है.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन करने का मकसद यह गुजारिश करना था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में अगर उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तो मुख्तार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल या किसी अन्य बड़े चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए और अगर सरकार इलाज का खर्च नहीं उठा सकती तो परिजन यह खर्च वहन कर लेंगे.
अंसारी ने कहा कि विगत 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की वर्चुअल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसके मुवक्किल को जेल में 'धीमा जहर' दिया गया है जिससे उसकी हालत बिगड़ती जा रही है.
बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, 'मुख्तार अंसारी को तड़के तीन बजकर 55 मिनट पर पेट में दर्द की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था और चार-पांच दिनों से पेट में काफी दर्द था. उपचार शुरू हो गया है. वर्तमान में रोगी की हालत स्थिर है.'
मुख्तार से मुलाकात करके आए उसके वकील नसीम हैदर ने बताया कि उसकी हालत थोड़ी बेहतर हुई है लेकिन पेट में दर्द है और अल्ट्रासाउंड तथा अन्य रिपोर्टों का इंतजार है. मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह इस वक्त बांदा की जेल में निरुद्ध है.