श्रावस्ती में सील मदरसे का छांगुर बाबा से क्या है कनेक्शन? वकील का दावा- बाबा के पीछे कई और चेहरे

श्रावस्ती के डीएम अजय द्विवेदी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर प्रारंभिक जांच कराई गई है. मदरसा संचालक के खाते के डिटेल्स लेकर जांच की जा रही है.

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श्रावस्ती में छांगुर बाब से लिंक के शक में मदरसे को सील करते अधिकारी.
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  • उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में छांगुर बाबा से जुड़े होने के शक में अवैध मदरसा जामिया नूरिया फातिम लिल्बिनात को सील किया गया है.
  • मदरसा 2019 से संचालित था और इसमें मुस्लिम बालिकाओं को शिक्षा दी जा रही थी, मदरसे के संचालक से भी पुलिस ने पूछताछ की है.
  • जिलाधिकारी अजय द्विवेदी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर जांच जारी है और छात्र-छात्राओं के विवरण की वेरिफिकेशन की जा रही है.
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Changur Baba Gang: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार छांगुर बाबा के गिरोह की जड़े बड़ी गहरी है. यूपी के कई जिलों में उसके लिंक मिल चुके हैं. दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र से भी छांगुर बाबा की काले करतूतों की कहानियां सामने आई है. हिंदूओं के धर्मांतरण के साथ-साथ छांगुर बाबा पर बड़ी संख्या में जमीनों को हथियाने का आरोप भी लगा है. इस बीच अब यूपी के श्रावस्ती में छांगुर बाबा से लिंक के शक में एक मदरसे को सील किया गया है. वहीं दूसरी ओर छांगुर बाबा की जमीन घपलेबाजी की पोल खोलने वाले वकील ने दावा किया है कि अभी बाबा के पीछे कई और चेहरे हैं. जिनका सामने आना बाकी है.

श्रावस्ती में छांगुर बाबा से लिंक के शक में मदरसा सील

मिली जानकारी के अनुसार श्रावस्ती में अवैध रूप से संचालित जामिया नूरिया फातिम लिल्बिनात मदरसा सील किया गया है. इस मदरसे की फंडिंग पर सवाल है. इस मदरसे की फंडिंग में छांगुर बाबा से लिंक की बात सामने आई है. शक के आधार पर ही इसे सील किया गया है.

2019 से चल रहा था मदरसा, पहले भी हो चुका था सील

बताया गया कि श्रावस्ती के इकौना नगर पंचायत में स्थित इस मदरसे में मुस्लिम बालिकाएं शिक्षा ले रही थीं. मदरसा 2019 से संचालित हो रहा था और 3 मई को डीएम व प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में इसे सील कर दिया गया था. हालांकि, 10 मई को मदरसा फिर से खोल दिया गया था.

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मदरसे के संचालक से भी पूछताछ

शनिवार को SDM और CO की संयुक्त टीम ने मदरसे के दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है. मदरसा संचालक गुजरात राज्य निवासी सैयद सलाहुद्दीन से पुलिस ने पूछताछ की है. जांच टीम ने जांच पड़ताल कर आवश्यक जानकारी इकट्ठा की है.

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डीएम ने कहा- गोपनीय सूचना पर की गई कार्रवाई, जांच जारी

जिलाधिकारी अजय द्विवेदी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर प्रारंभिक जांच कराई गई है. मदरसा संचालक के खाते के डिटेल्स लेकर जांच की जा रही है. साथ ही छात्र/छात्राओं की डिटेल्स लेकर वेरिफिकेशन कराया जा रहा है. श्रावस्ती के DM अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि जांच के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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हाईकोर्ट के वकील तनवीर रजा ने किया बड़ा दावा

दूसरी ओर छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों से जुड़ा एक और बड़ा दावा सामने आया है. धर्मांतरण के अलावा जमीनों को लेकर विवाद खड़े करने कमाई करते थे. ये दावा है हाईकोर्ट के उस वकील तनवीर रज़ा का, जिनकी जमीन को लेकर एक विवाद खड़ा हुआ.

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बाबा के पास 10-12 साल में इतने पैसे कैसे आए?

तनवीर रजा की जमीन उतरौला में है. उन्होंने NDTV से बात करते हुए दावा किया कि उन्होंने अपनी जमीन बचाने की लड़ाई कोर्ट से लड़कर जीत ली लेकिन उनके बाद इस बात की तफ्तीश की कि आख़िर बाबा के पास दस बारह साल में इतने पैसे कैसे आए?

वकील का दावा- बाबा के पीछे अभी कई और चेहरे

इस पड़ताल में उन्हें बाबा के ही सहयोगियों और स्थानीय प्रशासन में दाऊद धूप करके कुछ दस्तावेज़ मिले. इन दस्तावेजों को हिन्दुवादी नेताओं को सौंपकर उन्होंने बाबा के ख़िलाफ़ माहौल बनाने का काम किया. तनवीर दावा करते हैं कि बाबा के पीछे अभी कई और चेहरे हैं, जो धर्मांतरण से लेकर लैंड ज़िहाद का काम कर रहे हैं.

विधवा और यतीम लोगों को बनाता था निशाना

उन्होंने कहा कि ये गैंग विधवा और यतीम लोगों को पहले ढूंढता है. फिर उनकी ज़मीनों पर बरसात कराने के लिए खेल करता है. उसके बाद औने पौने दाम में ज़मीन लेकर उसे महंगी क़ीमत में बेचने का काम करता है. तनवीर रज़ा ने सुरक्षा एजेंसियों से मांग की है कि बाबा ने जिसे भी पैसे भेजे या जिनसे पैसे लिए, उनकी जांच भी होनी चाहिए.

तनवीर का दावा है कि इस मामले में जो लोग पीड़िता बन रहे हैं, उनके बारे में भी जांच होगी तो पता लगेगा कि जो खुद को पीड़ित दिखा रहे लोग भी गैंग का हिस्सा है.

लोनावाला की जमीन के एग्रीमेंट पर भी वकील ने कही बड़ी बात

पुणे के लोनावाला की जमीन के एग्रीमेंट को लेकर तनवीर कहते हैं कि ज़मीन किसी और की और एग्रीमेंट कोई और कर रहा है. नियमत एग्रीमेंट के आधार पर एडवांस जमीन मालिक को होना चाहिए लेकिन पैसे ब्रोकर को क्यों भेजे गए? ऐसे में इस एंगल से पड़ताल होगी तो अभी कई और चेहरे निकलकर सामने आएंगे.

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