मद्रास हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मंत्री पोनमुडी को बरी करने का आदेश रद्द किया

न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित करते हुए मंत्री एवं उनकी पत्नी को दोषी ठहराया और उन्हें 21 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
चेन्नई:

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता के. पोनमुडी और उनकी पत्नी पी. विशालाक्षी को आय से ज्ञात स्रोत से 1.75 करोड़ रुपये की अधिक की संपत्ति के मामले में बरी करने के निचली अदालत के आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित करते हुए मंत्री एवं उनकी पत्नी को दोषी ठहराया और उन्हें 21 दिसंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. अदालत उनका पक्ष सुनने के बाद उन्हें मामले में सजा सुनाएगी.

न्यायाधीश ने मामले में पोनमुडी और उनकी पत्नी को बरी करने के विल्लुपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया. पोनमुडी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की 13 (2)(धारा 13 (1) (ई) के साथ पढ़ी जाए) के तहत दंडनीय अपराध के संबंध में आरोप साबित हुए हैं. ऐसी धाराएं एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार और अवैध कमाई से संबंधित हैं.

अदालत ने कहा कि विशालाक्षी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)की धारा 109 (उकसाने) के साथ पढ़ी जाने वाली भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की समान धाराओं के तहत आरोप साबित होते हैं. न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूतों का जिक्र किया और साक्ष्यों को नजरअंदाज कर उन्हें बरी करने के लिए निचली अदालत द्वारा दिए गए अपर्याप्त कारणों की ओर इशारा किया.

Advertisement

ये भी पढ़ें- :

 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Yash Dayal: क्रिकेटर यश दयाल की बढ़ी मुश्किलें, Ghaziabad में RCB स्टार के खिलाफ FIR दर्ज Breaking
Topics mentioned in this article