मध्यप्रदेश : नई आबकारी नीति में सस्ती हुई शराब, विपक्ष के निशाने पर आईं उमा भारती

नई आबकारी नीति के मुताबिक राज्य में शराब की नई दुकान नहीं खुलेगी. विदेशी शराब में 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गई है. एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देसी, दोनों शराब मिल पाएंगी.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
उमा भारती ने पिछले साल सरकार को शराबबंदी के लिये 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था.
भोपाल:

मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति के सियासी मायने हैं. सरकार ने शराब सस्ती कर दी. ये और बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले साल कहा था कि वो 15 जनवरी 2022 तक शराबबंदी करवाएंगी, नहीं तो सड़कों पर उतरेंगी. लेकिन इस मियाद के ठीक दो दिन बाद शराबबंदी तो दूर शिवराज कैबिनेट ने नई शऱाब नीति का ऐलान कर दिया. दरअसल, उमा भारती ने पिछले साल सरकार को शराबबंदी के लिये 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. वो मध्यप्रदेश की सड़क पर तो नहीं उतरीं, लेकिन सरकार ने नई आबकारी नीति में शराब जरूर सस्ती कर दी. मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा कि मध्यप्रदेश की आबकारी नीति जो 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक प्रस्तावित थी, उसको अनुमति प्रदान की गई है. 

मध्यप्रदेश : घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को मिलेगी आर्थिक मदद, कैबिनेट बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले

नई आबकारी नीति के मुताबिक राज्य में शराब की नई दुकान तो नहीं खुलेगी. लेकिन विदेशी शराब में 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गई है. एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देसी, दोनों शराब मिल पाएंगी. राज्य में फिलहाल 2544 देसी, 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं. गुड के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी. लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे. जिस शख्स की सालाना आय 1 करोड़ रु है, वो घर पर बार भी खोल सकेगा. भोपाल और इंदौर में माइक्रो बेवरेज को मंजूरी मिली हैं. जिसमें रोज़ाना 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता होती है. एयरपोर्ट पर अंग्रेजी शराब की दुकानें होंगी. मॉल में काउंटर पर शराब भी मिल सकेगी. 

हालांकि कई कैबिनेट मंत्री इसमें ही हाथ जोड़ रहे हैं कि नई दुकानें नहीं खुलेंगी. निशाने पर बिहार की शराबबंदी भी है. वहीं कांग्रेस उमा भारती के बयान से सरकार को घेर रही है. कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि शिवराज सिंह साहब को आभार कहता हूं. प्रदेश में एक भी देसी-विदेशी मदिरा की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी. बिहार में शराब बंद हुई, कानूनी रूप से बंद हुई लेकिन अवैध बिक रही है. ऐसे में शराबबंदी से पहले जनमानस में माहौल बनाने का काम हम सबको करना चाहिये. तब हमको सरकार से मांग करना चाहिये. 

मध्यप्रदेश स्थानीय चुनाव में OBC आरक्षण मामले में सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट, जानिए क्यों

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कहा कि उमा भारती क्या कह रही हैं, इसपर भी सोचना चाहिये. जिन्होंने कहा था कि नशाबंदी को लेकर प्रांत व्यापी आंदोलन करेंगी. वो कहां हैं, सरकार शराबबंदी के लिये गंभीरता से प्रयास नहीं कर रही है.

बहरहाल सियासत, नफा-नुकसान के बीच भिंड जिले के इंदुर्खी गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से दो सगे भाई सहित तीन लोगों की मौत हो गई. कार्रवाई हुई है दो थाना प्रभारी निलंबित हुए, 5 पुलिसकर्मी लाईन अटैच हो गये. वैसे मॉनसून सत्र में महज़ 5 मिनट में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 पास हुआ था, जिसमें जहरीली शराब से संबंधित अपराधों के लिए सज़ा-ए-मौत तक का प्रावधान है.

MP के बिजलीघरों पर गहराता संकट, कभी भी गुल हो सकती है बत्ती

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: CM बनने के चांस पर Prashant Kishor ने NDTV को क्या बताया? | Exclusive
Topics mentioned in this article