कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करने के मद्देनजर ‘‘ मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना'' शुरू करने के 14 दिन बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) ने रविवार को कहा कि प्रदेश सरकार समाज के साथ मिलकर राज्य में अन्य कारणों से भी अनाथ हुए सभी बच्चों की शिक्षा, आश्रय, आहार एवं जीवनयापन की सम्पूर्ण व्यवस्था करेगी. चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के अलावा अन्य कारणों से भी अनाथ हुए बच्चों को हम भटकने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं. समाज के साथ मिलकर सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा, आश्रय, आहार और जीवनयापन की सम्पूर्ण व्यवस्था करेगी. इसके लिए हम एक योजना बना रहे हैं.''
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है, उन्हें तत्काल सहायता उपलब्ध कराने और उनके गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह के लिए प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' 30 मई को शुरू की है. इस योजना में बच्चों को 5,000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, नि:शुल्क राशन और शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी. यह योजना एक मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में कोविड-19 के कारण हुई मौत के मामलों पर लागू है.
इसी बीच, मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को जिलों की आपदा प्रबंधन समितियों के सदस्यों को अपने निवास से ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के साथ-साथ सभी अनाथ बच्चों के जीवन-यापन, आहार, शिक्षा और उनके आश्रय की व्यवस्था सरकार और समाज द्वारा की जायेगी.''
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चौहान ने कहा, ‘‘हमारी सरकार संवेदना की सरकार है. किसी को भी मजबूर और बेबस नहीं रहने दिया जायेगा. कोरोना काल में बेसहारा हो गये परिवारों के संबंध में संवेदनशीलता के साथ निर्णय लिया जायेगा. जिन व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई है, उनके प्रमाण पत्र के संबंध में भी राज्य सरकार निर्णय लेगी.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगण अब विधायक निधि से 50 प्रतिशत तक का उपयोग जरूरतमंदों की मदद के लिए कर सकेंगे. कोरोना के प्रभाव को दृष्टिगत रखकर राज्य सरकार इस प्रकार की व्यवस्था कर रही है.
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