मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में धांधली की बात सामने आने के बाद राज्य की शिवराज सरकार एक्टिव मोड में आ गई है. पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो शिकायतों से अवगत हैं.
उन्होंने कहा, " मैं इस सिस्टम में बदलाव कर रहा हूं क्योंकि कभी-कभी दुल्हन को उपहार के रूप में देने के लिए खरीदी गई वस्तुएं घटिया गुणवत्ता की हो जाती हैं. हमें ऐसी शिकायतें मिली हैं. अब नवविवाहित महिलाओं को उपहार के बदले चेक मिलेगा."
मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने NDTV से कहा कि अगर उन्हें कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले में कार्रवाई करेंगे. पटेल ने कहा, "अभी तक मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है और अगर कुछ सामने आता है तो मैं कार्रवाई करूंगा."
अपने साथी मंत्री मीना सिंह के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "...अगर कुछ सामने आता है, तो मैं कार्रवाई करूंगा और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों को निलंबित भी करूंगा."
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना में कई जगहों पर भ्रष्टाचार की शिकायत आ रही है, आलम ये है कि धार में योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. विधानसभा में भी ये मुद्दा कई बार उठा है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. इसका खामियाजा उन गरीब जोड़ों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी शादी स्थगित हो रही है.
दावा है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार अब तक 5,33,000 से ज्यादा हितग्राहियों को और मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत 55,000 हितग्राहियों को लाभ मिला है. सरकार ने योजना में अब तक 1,283 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा किया है.
हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और ही है. धार जिले के डही में रहने वाले रविन्द्र सिंह की शादी तीन बार स्थगित हुई. घर के बाहर हल्दी का रस्म हुआ, घर सजा बस मंडप पर दुल्हन नहीं आ पाईं. ऐसा एक नहीं केवल डही में 314 जोड़ों के साथ हुआ. सजा मंडप खाली रह गया.
इस संबंध में हितग्राही रविन्द्र सिंह ने कहा कि शादी तीसरी बार कैंसिल हुई. पहले 9 फरवरी, फिर 25 और अब 15 मार्च को भी. बार बार ऐसा होने से मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हूं. तीन बार लोगों को लाना ले जाना मुश्किल है. वहीं, दूल्हे की मां जिला बाई ने कहा कि अब तो मजाक ही मजाक में लोग कहते हैं कि शादी घर पर ही कर लो, सरकार नहीं करेगी.
इधर, उमरिया जिले के मानपुर में तो सामूहिक विवाह योजना में घटिया जेवरों को खुद कैबिनेट मंत्री मीना सिंह ने पकड़ा. उन्होंने मंच से ऐलान किया कि हितग्राहियों को जेवरात की 12950 रु. की राशि चेक से मिलेगी, जो आजतक नहीं मिली.
इस पूरे गड़बड़झाला के संबंध में कैबिनेट सहयोगी ने मंच से मामला उठाया. वहीं, कांग्रेस ने विधानसभा में, लेकिन विभाग के मंत्री कहते हैं कि उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि क्राउन के टीवी का डब्बा तो था पर टीवी किसी और का था. सिलाई मशीन मुक्का मारने पर टूट गया. छोटे-छोटे चम्मच, ग्लास बच्चों को दूध पिलाने का, पलंग नहीं था. अलमारी भी नहीं. गरीब परिवार लोडिंग ट्रक लेकर आए थे. उनकी मंत्री भी गड़बड़ी की बात बोल रही है, फिर बचा ही क्या है.
गौरतलब है कि कोरोना काल में जब शादियों पर पाबंदी थी, तब मध्यप्रदेश में विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना के तहत 5000 से ज्यादा शादियां करवा डाली, 30 करोड़ रु से ज्यादा बांटने का दावा किया. ये और बात है कि कागज में शादीशुदा बुजुर्ग तो छोड़िए, भाई-बहन, बच्चों तक की शादी करवा दी गई थी.
जांच में पता लगा गांव-गांव में दलालों का नेटवर्क है. बता दें कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 55000 रुपये दिए जाते हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दिन 38000 रुपये की उपहार सामग्री, वधू को 11000 का अकाउन्ट पेयी चेक और 6000/- सामूहिक विवाह आयोजनकर्ता निकाय को.
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