मध्य प्रदेश वन विभाग ने छत्तीसगढ़ से लगे इलाके में जंगली हाथियों को रोकने मधुमक्खियों की फौज खड़ी करने की रणनीति तैयार की है. 25 पन्नों के दिशा निर्देश में 9 से ज्यादा मुख्य बिन्दुओं के जरिये विभाग ने बताया है कि हाथी मधुमक्खियों से बहुत डरता है, क्योंकि वे हाथी की आंख और सूंड में डंक मारती हैं. मधुमक्खियों की आवाज हाथियों को परेशान करती है. इसलिए हाथी उस इलाके से दूर भागते हैं.
मध्य प्रदेश वन विभाग रीवा और आसपास के इलाके में जंगल से सटे गांवों में मधुमक्खियों के शहद वाले डिब्बे बंटवाने की तैयारी में हैं. इन्हें उन इलाकों में रखा जाएगा, जहां से हाथी इंसानी बसाहट में घुस सकते हैं. फिलहाल विंध्य और महाकौशल में 66 जंगली हाथियों का झुंड घूम रहा है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान ने एनडीटीवी से कहा ये बहुत प्रभावी होता है. इसलिये दिशा-निर्देशों में इसे शामिल किया गया है, जहां जहां हाथियों का मूवमेंट है वहां इसे लागू किया जाएगा.
एक एसओपी हमने जारी किया है जिसमें सबके दायित्व निर्धारित हैं जिसमें प्रशासन, पुलिस वन विभाग सबके दायित्व निर्धारित हैं. मधुमक्खी जब हमला करती है तो वो प्राणघातक हो सकता है. इसलिये जब वो आवाज़ करती हैं तो हाथी पीछे हटते हैं.
हाल के दिनों में हाथियों के हमले में 26 लोगों की मौत हुई है. वहीं, कई मामले शिकारियों की बेरहमी के भी सामने आए हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के लिए विख्यात है, लेकिन कुछ सालों से जंगली हाथियों का भी बसेरा है. यहीं के पनपथा बफर परिक्षेत्र में एक जंगली हाथी को ना सिर्फ जहर देकर मारने का आरोप है, बल्कि उसे बेहरमी से जलाने का भी. महीने भर बाद अब वन विभाग जांच की बात कह रहा है.
बहरहाल, हाथियों और इंसान का संघर्ष कम हो इसके लिये मधुमक्खियों के अलावा ट्रेंच यानी खाई बनाने का भी फैसला लिया गया है, बिजली की गैर घातक फेंसिंग हाथी मित्र लोगों से उनसे दूर रहने की गुजारिश करेंगे पटाखे फोड़कर उन्हें भगाने की कोशिश जैसे उपाय भी किये जाएंगे.
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