मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा जिले के शमशाबाद में किसानों को बैंक से अपनी जमा पूंजी की निकासी के लिए रतजगा करना पड़ रहा है. बैंक का टोकन पाने के लिए किसानों को रातभर लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है. कई किसानों ने तो अपनी बैंक पास बुक को भी बाकायदा लाइन में लगा रखा था.
दरअसल, शमशाबाद की जिला सहकारी बैंक में कुछ कर्मचारियों को कोरोना हो गया था, इसलिए बैंक पिछले 14 दिनों से बंद था. मंगलवार को जब बैंक खुला तो पैसे निकालने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ को काबू में करने के लिए बैंक प्रबंधन ने रोज 150 लोगों को टोकन बांटने का निर्णय लिया है.
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बुधवार को छुट्टी थी इसलिए गुरुवार का टोकन पाने के लिए किसान रात में लाइन लगाकर बैठ गए. किसानों ने अपनी अपनी पासबुक को लाइन में रखा और वहीं सो गए. टोकन थाना परिसर में बांटे जाते हैं. कुछ ही दूरी पर बैंक है, जहां टोकन दिखाकर बैंक के अंदर जाने दिया जाता है. एक दिन में बैंक से महज 150 लोगों को ही पैसे दिए जा रहे हैं. बाकी किसान वापस लौट रहे हैं.
शमशाबाद क्षेत्र के तहसीलदार ने कहा, "वे रात से पैसे निकालने के लिए टोकन का इंतजार कर रहे हैं, 150 टोकन वितरित किए गए और बाकी कल मिल जाएंगे."
सड़क पर रात बिताने वालों में से कई के पास डीजल, बीज और कीटनाशक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. कुछ अन्य लोग अपनी बेटियों की शादी के लिए पैसे निकालने के लिए वहां गए थे. बैंक के प्रबंधक विनोद अहिरवार ने कहा कि लोग अस्पताल में भर्ती होने और अन्य आपात स्थितियों के लिए पैसे निकालने आ रहे हैं और उन्हें बिना टोकन के भी पैसे दिए जा रहे हैं.
उधर, उज्जैन के कुछ ग्रामीण इलाकों में सोमवार को सैकड़ों किसान बिना सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए इकठ्ठा हो गए थे. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पैसे निकालने के लिए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की ग्रामीण शाखाओं के बाहर कई लोग बिना मास्क के खड़े थे. बैंक प्रबंधक महेंद्र कुमार जाटव ने स्वीकार किया कि वहां कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है उन्होंने दूरी बनाये रखने के लिये टोकन बांटे लेकिन भीड़ को रोकना संभव नहीं हो रहा है.
मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1,977 नये मामले आये हैं, जिससे संक्रमण की संख्या 7.73 लाख से अधिक हो गई. राज्य में इस वायरस से 7,828 लोगों की मौत हो चुकी है.