कफ सिरप कांड: फैक्ट्री सील होने के बाद पहली बार सरकार को पता चला कंपनी का नाम

मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. इसकी निर्माता कंपनी के बारे में जानकारी फैक्ट्री सील होने के बाद सरकार के सामने आई.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Coldriff
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में निर्माता कंपनी के बारे में सरकार को जानकारी नहीं थी
  • तमिलनाडु की श्री सन फार्मा कंपनी एक दशक से अधिक समय से दवाओं का उत्पादन कर रही थी
  • 2017 से पहले लाइसेंसिंग राज्यों की जिम्मेदारी थी, इसलिए कंपनी की जानकारी केंद्र सरकार तक नहीं पहुंची
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में जिस जहरीली कफ सिरफ पीने से 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो जाती, उसकी निर्माता कंपनी के बारे में सरकार को जानकारी तक नहीं थी. तमिलनाडु की दवा कंपनी कई वर्षों से कफ सिरफ सहित कई दवाओं का निर्माण करके देश के अलग-अलग हिस्सों में भेज रही है. डॉक्टर की सलाह या कहें सीधे दुकान पर जाकर इन दवाओं को खरीद कर इस्तेमाल किया जा रहा था, फिर भी यह सब केंद्र सरकार की नजरों में नहीं है.

यह बात जानकर आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन हकीकत में मध्य प्रदेश में जब बच्चों की मौत का मामला सामने आया और जांच दिल्ली तक पहुंची, तो शुरुआत में किसी जहरीले रसायन का पता नहीं चला. लेकिन तमिलनाडु की जांच के बाद जब कंपनी का उत्पादन प्लांट सील कर दिया गया और जानकारी केंद्रीय अफसरों के पास पहुंची तो वह सन्न रह गए. दरअसल, नई दिल्ली स्थित एफडीए भवन में जब कंपनी के कागजात खंगाले गए तो पता चला कि कोल्ड्रिफ सिरप और श्री सन फार्मा कंपनी का नाम सरकारी दस्तावेजों में कहीं दर्ज ही नहीं हैं.

एक दशक से दवा बना रही थी कंपनी
अब सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई कंपनी एक दशक से भी अधिक समय से दवा का निर्माण कर रही है और उस दवा को पांडिचेरी, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को भेजा जा रहा, जहां उसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है, लेकिन केंद्र को जानकारी नहीं है? इस पर सवाल पूछने पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की तरफ से कहा गया कि कंपनी को लइसेंस तमिलनाडु ने दिया और पांच साल बाद रिन्यू भी कर दिया लेकिन इसकी जानकारी सीडीएससीओ को कभी नहीं दी.

सीडीएससीओ से जुड़े एक अधिकारिक सूत्र ने नाम न छपने की शर्त पर कहा, 2011 में तमिलनाडु सरकार ने कंपनी को लाइसेंस दिया और 2016 में उसका नवीनीकरण भी कर दिया. लेकिन राज्य ने कभी भी केंद्र सरकार को दवा कंपनी के बारे में जानकारी नहीं भेजी, जिससे ये सिस्टम से बाहर बनी रही.

कंपनी क्यों नहीं थी सिस्टम में?
अधिकारी ने बताया कि साल 2017 से पहले लाइसेंसिंग की पूरी जिम्मेदारी राज्यों की थी. लेकिन 2017 में नियम बदलाव किया गया जिसके बाद अब केंद्र और राज्य को मिलकर कंपनी का निरीक्षण करना होता है, जिसके बाद लाइसेंस दिया जाता है. हालांकि 2017 से पहले जिन कंपनियों का लाइसेंस मिल चुका है, वो इस नियम के दायरे में नहीं आती हैं. यही वजह है कि तमिलनाडु की यह कंपनी श्री सन फार्मा निगरानी में नहीं आई.

कंपनी का कैसे हुए खुलासा? ऐसे समझें घटनाक्रम
सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश में जब बच्चों की मौत का मामला सामने आया तो केंद्र और राज्य की टीमों ने छिंदवाड़ा जाकर अलग-अलग दवाओं के 19 सैंपल लिए. इसमें से छह सैंपल की जांच केंद्रीय टीम ने की और बाकी 13 सैंपल की जांच मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण विभाग (MP FDA) को मिली. 

Advertisement

सैंपल में जहरीले पदार्थ की पुष्टि नहीं
यह प्रक्रिया 29 सितंबर से दो अक्तूबर तक चली तब तक कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) का पता नहीं चला. केंद्रीय टीम के छह और एमपी एफडीए के तीन सैंपल की जांच में किसी भी जहरीली पदार्थ की पृष्टि नहीं हुई. इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने तमिलनाडु को पत्र लिखकर कोल्ड्रिफ और श्री सन फार्मा की जांच करने का निवेदन किया. 

फैक्ट्री सील की गई
3 अक्टूबर की रात तमिलनाडु ने बताया कि कंपनी के कफ सिरप में जानलेवा रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 48% पाई गई, जो कि तय सीमा 0.1% से काफी ज्यादा है. इसलिए फैक्टरी को सील कर दिया गया है. तब जाकर केंद्र को पहली बार कंपनी का नाम पता चला. सीडीएससीओ के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि "हमारे पास तब तक कंपनी और दवा का कोई रिकॉर्ड नहीं था. ऐसे में संभव है कि दूसरे राज्यों को भी इसकी सूचना नहीं हो, इसलिए जब अलर्ट जारी किया गया तो अन्य राज्यों ने भी इस दवा पर बैन लगाना शुरू किया."

Advertisement

श्रीसन जैसी देश में कितनी कंपनी?
शीर्ष अधिकारी ने कहा, "अभी 100 फीसदी कुछ भी कहना सही नहीं है. फिलहाल सीडीएससीओ ने सभी राज्यों से उनके यहां की कफ सिरप निर्माता कंपनियों की लिस्ट मांगी है. इसके बाद देश की इन सभी कफ सिरप निर्माता कंपनियों का ऑडिट किया जाएगा. उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी कोई कंपनी देश में कहीं नहीं होगी."

Featured Video Of The Day
Bihar Elections: चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर कैमरे पर आए Chirag Paswan, Seat Sharing पर कब बनेगी बात?
Topics mentioned in this article