मृतक मानकर परिजनों ने कर दिया था क्रियाकर्म, 17 साल बाद ऐसे लौट आया बेटा

प्रेम सिंह अपने हाथ में गुदे हनुमान जी और नाम की वजह से चिन्हित हुआ. एक संस्था की मदद से वह अपने गृह ग्राम लौट आया. उसके पिता लछिया और छोटे भाई दिलीप ने बताया कि 2006 में वह मानसिक दिव्यांगता की स्थिति में कहीं चले गया था.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा विकासखंड के धनोरा ग्राम का 47 वर्षीय प्रेम सिंह 17 वर्ष बाद अपने घर लौट आया. इतने सालों में परिजन उसे मरा मानकर उसका क्रियाकर्म भी कर चुके थे. युवक साल 2006 में बिना बताए घर से कहीं चला गया था. घरवालों और रिश्तेदारों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन जब नहीं मिला तो यह मान लिया कि वो मर चुका है. बेटा खोने के दुख में डूबी मां का साल 2014 में निधन हो गया. परिजन ने मां के साथ युवक का भी क्रियाकर्म कर दिया. अब जिंदा घर लौटा तो देखकर खुशी के मारे सभी रो पड़े.

प्रेम सिंह अपने हाथ में गुदे हनुमान जी और नाम की वजह से चिन्हित हुआ. एक संस्था की मदद से वह अपने गृह ग्राम लौट आया. उसके पिता लछिया और छोटे भाई दिलीप ने बताया कि 2006 में वह मानसिक दिव्यांगता की स्थिति में कहीं चले गया था. इसके बाद गुजरात महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में ढूंढने के बावजूद नहीं मिला था. उन्होंने बताया कि 2014 में प्रेम सिंह की मां की मृत्यु के उपरांत प्रेम सिंह को भी मृत मान कर अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यक्रम कर दिए गए थे.

श्रद्धा रिहैबिलिटेशन सेंटर करजत (जिला रायगढ़ महाराष्ट्र) के डॉक्टर तुषार गुले ने बताया कि 2021 में प्रेमसिंह को रत्नागिरी के एक मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करा कर उपचारित किया गया था. स्थिति में सुधार आने के बाद काउंसलिंग करने पर उसने अपने घर का पता बताया. इसमें उसके हाथ में गुदे हनुमान जी और नाम से काफी मदद मिली.

परिजनों ने बताया कि वे उसका चेहरा भी भूल चुके थे, लेकिन उसके हाथ में गुदे हनुमान जी और नाम की वजह से पहचान गए. उन्होंने कहा कि उसके लौटने पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें:-

फरीदाबाद: बोलेरो से बुजुर्ग को टक्कर मारकर 200 मीटर तक घसीटने वाला ड्राइवर गिरफ्तार

उमेश पाल हत्याकांड में एक आरोपी गिरफ्तार, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रची थी मर्डर की साजिश

Featured Video Of The Day
Shubhankar Mishra | नया फरमान, जमकर घमासान... गरबा पर हंगामा क्यों है बरपा? | Kachehri | Garba
Topics mentioned in this article