मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की सलाह देते हुए कह रहे हैं कि ऐसा नहीं हुआ तो 2023 का विधानसभा चुनाव प्रदेश में कांग्रेस के लिए आखिरी चुनाव होगा. वहीं, भाजपा ने इसे कांग्रेस में गुटबाजी का एक और उदाहरण बताया है.
कथित तौर पर रतलाम में अलग-अलग गुटों में मिलने आए कार्यकर्ताओं को देखकर नाराज हुए सिंह वीडियो में कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की नसीहत दे रहे हैं.
सिंह वीडियो में कथित तौर पर कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘‘एक ग्रुप अलग मिलेगा, एक ग्रुप अलग मिलेगा तो कभी चुनाव जीत नहीं सकते. मेरा सर खपाना भी बेकार है और कमलनाथ जी बेचारे भी कुछ नहीं कर पाएंगे. सब लोग एक हो, लेकिन आप लोग आमने सामने बात करने को तैयार नहीं. मैं यहां खड़ा हूं, लेकिन आप लोग अलग अलग खड़े हैं... ऐसा काम थोड़ी चलेगा...''
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी चुनाव है 2023 (मप्र विधानसभा का चुनाव) का, बता देता हूं आप लोगों को, अगर आप लोग ईमानदारी से चुनाव नहीं लड़े तो घर बैठिये. फिर कांग्रेस वापस नहीं आने वाली. वर्कर नहीं मिलेगा, काम करने वाला.''
रतलाम जिला कांग्रेस (नगर) के अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने बताया कि सिंह शनिवार को स्थानीय सर्किट हाउस के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे.
कटारिया ने कहा, ‘‘ शनिवार की सुबह, सिंह ने मिलने आए पार्टी कार्यकर्ताओं (रतलाम जिले के जावरा से आए) को अलग-अलग गुटों में खड़े देखकर नाराजगी व्यक्त की. सिंह ने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने को कहा.''
वीडियो पर कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सिंह पार्टी में गुटबाजी को उजागर कर रहे थे और वीडियो का उद्देश्य कमलनाथ को राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से बेदखल करना था.
अग्रवाल ने दावा किया कि सिंह पहले से ही इस सच्चाई को जानते हैं कि 2023 में मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करना कांग्रेस के लिए एक दूर का सपना है. उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि उनकी पार्टी उसके बाद अस्तित्वहीन हो जाएगी.
भाजपा नेता ने दावा किया इसके बावजूद सिंह ने वीडियो में पार्टी में गुटबाजी का जानबूझकर उल्लेख किया ताकि सभी को यह बताया जा सके कि कमलनाथ के नेतृत्व में यह हो रहा है.
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