MP वाकई गजब है... कभी पूतना, कभी बंदर बनकर तो कभी उस्तरा लेकर विधानसभा में प्रदर्शन

बजट सत्र में भी कांग्रेस विधायक किसी दिन काला नकाब पहनकर आए तो किसी दिन नकली सांप लेकर, कभी कंकाल, सोने की ईंट लेकर पहुंचे तो कभी कुंभकरण बनकर विरोध दर्ज कराया.

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  • मध्यप्रदेश विधानसभा में विंटर सेशन के पहले दिन कांग्रेस विधायक ने पूतना का भेस धरकर प्रदर्शन किया.
  • एक दिन कांग्रेस विधायक सुनील उईके बंदर के वेश में विधानसभा पहुंचे. उनके हाथ में उस्तरा भी था.
  • पहले बजट सत्र में भी कांग्रेस विधायकों ने किसी दिन नकली सांप लेकर तो कभी कंकाल लेकर प्रदर्शन किया
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भोपाल:

मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. 5 दिसंबर तक चले सत्र में विधानसभा की 4 बैठकें बुलाई गईं. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार सत्र को छोटा रखकर सरकार जनता के सवालों को उठने से रोकना चाहती है. विपक्ष ने सत्र के दौरान हर दिन विधानसभा परिसर में सरकार को घेरने के लिये नए-नए अनोखे पैंतरे आजमाए. 

कांग्रेस विधायक पूतना का भेस धरकर आईं

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस की महिला विधायक पूतना का भेस धरकर विधानसभा में आईं और इसे सरकार की नीतियों और लापरवाही का प्रतीक बताया. छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत आदि मामलों पर ध्यान खींचने के लिए कई विधायक अपने साथ मासूम बच्चों के पुतले लेकर पहुंचे और सरकार को कटघरे में खड़ा किया. 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार बच्चों के मामले में भी संवेदनशील नहीं है. छिंदवाड़ा में कई घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए और मांओं की गोद सूनी हो गई, लेकिन पूतना बनी सरकार को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और समीक्षा करने की फुर्सत तक नहीं है. अस्पतालों में ऐसी बदइंतजामी है कि बच्चों को चूहे भी काट लेते हैं. 

चिड़िया चुग गई खेत की झांकी 

दूसरे दिन किसानों के मुद्दे उठाते हुए कांग्रेस विधायक 'चिड़िया चुग गई खेत' की झांकी लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना था कि प्रदेश का किसान कभी खाद तो कभी खरीदी के उचित मूल्य के लिए और कभी मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहा है. अन्नदाता सड़क पर संघर्ष कर रहा है, जबकि सत्ताधारी झुनझुना बजाते रहे. किसानों के खेत सरकार रूपी चिड़िया पहले ही साफ कर चुकी है. 

हाथ में उस्तरा, भेस बंदर का 

तीसरे दिन छुट्टी थी, लेकिन अगले दिन जुन्नारदेव से कांग्रेस विधायक सुनील उईके हाथ में पोस्टर लिए बंदर के वेश में विधानसभा पहुंचे. उनके हाथ में उस्तरा भी था, जिसे उन्होंने सरकार और सिस्टम का प्रतीक बताया. विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने राज्य में स्थिति की तुलना प्रसिद्ध कहावत ‘बंदर के हाथ में उस्तरा' से की.  कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के आगे तख्तियां लेकर प्रदर्शन भी किया. 

शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन, कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन की जगह बीजेपी ने ले ली. प्रदर्शन के बजाय वो सरकार की उपलब्धियां गिनाने लगे.  बाद में बीजेपी और कांग्रेस दोनों एकदूसरे को प्रदर्शन बनाम प्रदर्शन पर घेरने लगे. 

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पिछले सत्र में कभी सांप तो कभी कंकाल दिखाया

ये पहला मौका नहीं था, जब विपक्षी विधायकों ने ऐसे अनोखे तरीके से अपना विरोध जताया था. इससे पहले, बजट सत्र में भी कांग्रेस के विधायक किसी दिन काला नकाब पहनकर आए तो किसी दिन नकली सांप लेकर, कभी गेंहू की बालियां लहराईं तो कभी कंकाल, कभी सोने की ईंट लेकर पहुंचे तो कभी कुंभकरण बनकर और कभी जंजीर में जकड़कर विरोध दर्ज कराया. 

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