पहली 'मेड इन इंडिया' चिप, जी हां भारत ने 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर को सेमीकॉन इंडिया 2025 में लॉन्च किया है. भारत में बनी यह पहली स्वदेशी चिप है. इस चिप का नाम है विक्रम. इस चिप को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लॉन्च किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर मौजूद रहे. अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी देश के लिए ये गर्व का क्षण है. आज भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई से संभव हुई है.
अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में चिप से मिलेगी मदद
सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री मोदी को 'विक्रम' 32-बिट प्रोसेसर और चार स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के टेस्ट चिप्स प्रस्तुत किए. 'विक्रम' भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे इसरो के सेमीकंडक्टर लैब द्वारा विकसित किया गया है. यह प्रोसेसर लॉन्च व्हीकल्स की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिए प्रमाणित है, जो इसे अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाता है.
कहां बनी है विक्रम चिप?
28 अगस्त को साणंद में सीजी सेमी (CG SEMI) की पायलट लाइन का वैष्णव ने उद्घाटन किया था, यह चिप वहीं बनाई गई है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनमें से एक की पायलट लाइन पूरी हो चुकी है और दो अन्य जल्द उत्पादन शुरू करेंगी. यह भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच के चलते भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की, और मात्र साढ़े तीन वर्षों में वैश्विक स्तर पर भारत को लेकर विश्वास बढ़ा है.
इस अवसर पर वैश्विक निवेशकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने भारत की स्थिर नीतियों और बढ़ती घरेलू मांग को निवेश के लिए आदर्श बताया. पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है. विशेष रूप से, 'विक्रम' प्रोसेसर भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं की शुरुआत भर है. Bastion Research की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के लगभग 20% चिप डिज़ाइन इंजीनियर भारत में कार्यरत हैं, जिससे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.
इस क्षेत्र में क्वालकॉम, इंटेल, एनवीडिया, ब्रॉडकॉम और मीडियाटेक जैसी वैश्विक कंपनियों ने बेंगलुरु, हैदराबाद और नोएडा में बड़े रिसर्च एंड डिवलेपमेंट और डिज़ाइन केंद्र स्थापित किए हैं. भारत सरकार ने 2021 में सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत ₹76,000 करोड़ की प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिससे वैश्विक निर्माण कंपनियों को आकर्षित किया जा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी. राष्ट्रीय राजधानी में 'सेमीकॉन इंडिया 2025' का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के केवल बैकएंड से आगे बढ़ रहा है और अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनने के लिए एक फुल-स्टैक इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है.
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