इस वित्त वर्ष में जनवरी तक देश की 8 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की संख्या सबसे कम रही. जबकि मुंबई-गांधीनगर मार्ग पर यात्रियों की संख्या सबसे अधिक रही. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों से पता चला है कि बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस में अधिभोग दर 55 प्रतिशत थी, जबकि मुंबई और गांधीनगर के बीच चलने वाली ट्रेन में यह 126 प्रतिशत दर्ज की गई. अधिभोग दर से आशय उपलब्ध सीट के मुकाबले टिकट की मांग से हैं.
वंदे भारत ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं. 10 फरवरी को दो और वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई, जिससे ऐसी ट्रेन की कुल संख्या 10 हो गई है. इन दोनों ट्रेन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
बिलासपुर और नागपुर, नई दिल्ली और अम्ब अन्दौरा (हिमाचल प्रदेश) और चेन्नई सेंट्रल (एमएएस) तथा मैसूर जंक्शन के बीच वंदे भारत ट्रेन ने चालू वित्त वर्ष के दौरान क्रमशः 55 प्रतिशत, 70 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की औसत अधिभोग दर दर्ज की, जो पांच अन्य मार्गों पर दर्ज 100 प्रतिशत औसत से कम है.
मुंबई और गांधीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन दोनों दिशाओं में सबसे लोकप्रिय थी. समीक्षाधीन अवधि के दौरान मुंबई-गांधीनगर मार्ग पर 126.24 प्रतिशत जबकि गांधीनगर-मुंबई मार्ग पर अधिभोग दर 127.74 प्रतिशत रही.
सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम मार्ग पर अधिभोग दर 125.76 प्रतिशत थी, जबकि नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस में यह 125.76 प्रतिशत दर्ज की गई. 100 फीसदी से ज्यादा अधिभोग दर वाली ट्रेन में प्रतीक्षारत यात्री भी शामिल थे. पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 2019 में शुरू की गई थी. इस तरह की आठ ट्रेन ने 1,635 यात्राएं की हैं. 20 लाख से अधिक यात्रियों को पहुंचाया है. इस वर्ष अब तक 100.72 प्रतिशत की अधिभोग दर दर्ज की है.
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