श्रद्धा वालकर की जघन्य हत्या पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चर्चा करने की आवश्यकता है. खास तौर पर उनके बारे में जो बगैर शादी के शारीरिक संबंध में हैं और उनके पार्टनर उनके साथ हिंसा कर रहे हैं. तथ्य यह है कि मदद के मामले में श्रद्धा को बहुत कुछ नहीं मिला.
आपको बता दें कि आफताब अमीन पूनावाला (28) ने कथित तौर पर श्रद्धा वालकर (27) का गला घोंट दिया और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया. इसके बाद उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में शरीर को 35 टुकड़ों को रखा और कई दिनों तक रात के समय शहर भर में फेंक दिया. वालकर की कथित तौर पर मई में हत्या कर दी गई थी.
टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन में एक सत्र में ईरानी ने इंटीमेट पार्टनर्स (अंतरंग भागीदारों) द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी गर्मागर्मी में किसी महिला को छोटे-छोटे टुकड़ों में नहीं काटता. प्यार करने का दावा करने वाला कोई भी महिला को नहीं मारता है. तथ्य यह है कि दुर्व्यवहार निरंतर था. तथ्य यह है कि दुर्व्यवहार के बारे में इतने सारे लोगों को पता था और यह भी तथ्य है कि मदद के रूप में उसे बहुत कुछ नहीं मिला. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर बड़े पैमाने पर लोगों को विस्तृत रूप से विचार करने की आवश्यकता है.
ईरानी ने कहा, "घनिष्ठ साथी द्वारा हिंसा और महिलाओं के परिवार के सदस्यों द्वारा हिंसा कुछ ऐसी चीज है, जो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में आक्रामक रूप से रिपोर्ट की जाती है. इसलिए... जब हम महिला सुरक्षा की बात करते हैं तो अंतरंग भागीदारों द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर भी चर्चा करने की जरूरत है. यह देखते हुए कि पहले सोचा जाता था कि एक पुरुष शिक्षित नहीं होने पर महिलाओं की पिटाई करेगा."
ईरानी ने कहा कि अब यह देखा गया है कि घरेलू हिंसा एक ऐसा मुद्दा नहीं है, जो केवल उन पुरुषों से संबंधित है, जो अच्छी तरह से शिक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह उतनी ही शहरी परिघटना है, जितनी इसे ग्रामीण परिघटना माना जाता था.
मुद्दा यह है महिलाओं के परिवार के लोग भी जानते हैं कि महिला के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उसे पीटा जा रहा है और धमकी दी जा रही है और फिर भी किसी तरह की मदद नहीं करते. एक महिला को यह बताना बहुत आसान है कि अगर आपको पीटा जा रहा है तो पुरुष को छोड़ दें, लेकिन जिसने भी ऐसी पीड़िताओं से बात की है, वे जानते हैं कि मानसिक भय ऐसा है कि अगर उसे छोड़ भी दिया जाए तो वह एक कदम भी नहीं उठा पाएगी.
ईरानी ने यह पूछे जाने पर कि क्या यह लव जिहाद का मामला है, ईरानी ने कहा, "मुझे लगता है कि हम एक बहुत ही जघन्य अपराध को सरल बना रहे हैं." ईरानी ने कहा, "लव जिहाद को सबसे पहले एक शब्दावली के रूप में 2009 में केरल उच्च न्यायालय ने स्थापित किया था. उस समय भाजपा सत्ता में नहीं थी. केरल उच्च न्यायालय ने वर्ष 2009 में वास्तव में लव जिहाद शब्द को स्वीकार किया था. उसने वास्तव में स्वीकार किया था कि लड़कियों को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वे एक ईसाई या हिंदू परिवार से थीं. उन्हें निशाना बनाया गया ताकि उन्हें प्यार के जाल में फंसाया जा सके और फिर धर्म परिवर्तन किया जा सके."
कुछ भाजपा शासित राज्यों द्वारा "लव जिहाद" के खिलाफ लाए गए कानून के बारे में पूछे जाने पर, ईरानी ने कहा, "जब आप एक महिला को प्यार के जाल में फंसाकर धोखा देते हैं, उसे भावनात्मक, शारीरिक रूप से मजबूर करते हैं ताकि उसके पास बचने का कोई मौका न हो..और ..आप मुझे बता रहे हैं कि एक बीजेपी शासित राज्य जिसे वोट देकर जिम्मेदारी सौंपी गई है तो क्या वह ऐसी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून लाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता? बलात्कार के एक आरोपी द्वारा आप नेता सत्येंद्र जैन की मालिश कराने के मामले पर, ईरानी ने कहा कि यह "दिमाग सुन्न करने वाला" है.
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