छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने रविवार को कहा कि भगवान राम का जीवन दर्शाता है कि उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए काम किया है, लेकिन दुर्भाग्य से मौजूदा दौर में उन्हें केवल एक योद्धा के रूप में चित्रित किया जा रहा है. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि विभाजन करने में लिप्त लोगों के निहित स्वार्थ होते हैं. बघेल राज्य के जांजगीर-चांपा जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवरीनारायण में आयोजित 'मानस मंडली गायन' (रामचरित मानस का पाठ करने वाली संगीत मंडली) पर तीन दिवसीय प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
सरकार की महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन सर्किट परियोजना के तहत शिवरीनारायण में नवीनीकरण व सौंदर्यीकरण के पहले चरण के उद्घाटन के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था. बघेल ने कहा, ''हमारे महापुरुषों ने अपने-अपने समय में समाज के हर वर्ग को जोड़ने और एकजुट करने का काम किया है. त्रेता युग में भगवान राम ने अयोध्या से लेकर श्रीलंका (Sri Lanka) तक समाज के हर वर्ग को एकीकृत करने का काम किया. वही काम भगवान कृष्ण, शंकराचार्य और स्वामी विवेकानंद ने अपने-अपने काल में किया था.''
उन्होंने कहा, ''लेकिन आज जो हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है ... भगवान राम को 'युध्दक' (योद्धा) और हनुमान को एक क्रोधित हनुमान के रूप में चित्रित किया जा रहा है. क्या हमारे भगवान ऐसे थे.'' बघेल ने कहा कि हमारी मूल संस्कृति लोगों को एकीकृत करना है और इस दिशा में और काम करने की जरूरत है. जो लोग विभाजन में लिप्त हैं, उनके निहित स्वार्थ हैं.